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    Home»झारखंड»रांची»लालफीताशाही से जनता को मुक्त करें : सीएम
    रांची

    लालफीताशाही से जनता को मुक्त करें : सीएम

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीAugust 30, 2017No Comments3 Mins Read
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    रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को जनसंवाद कार्यक्रम में अधिकारियों को खरी-खरी सुनायी। डीसी-एसपी को फटकार लगायी। जनसंवाद में आयी शिकायतों पर कहा कि लापरवाह अफसरों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। गरीबों को उनका हक हर हाल में मिलना चाहिए। आंकड़े दिखा कर अफसर गुमराह नहीं करें। गरीब की वेदना को समझो, एक तो वह परेशान होता है, दूसरा उसे चक्कर काटना पड़ता है।
    सीएम ने कहा, अच्छे शासन का मतलब है कि हम हुक्म कम चलायें और व्यवस्था सही चलनी चाहिए। जनता की हर परेशानी का निदान करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। लालफीताशाही से जनता को मुक्ति मिलनी चाहिए। जनता ने बेहतर प्रशासन के लिए वोट दिया है। उसकी आकांक्षाओं पर उतरना सरकार का दायित्व है। इस कारण जनता को बार-बार दौड़ायें नहीं, काम होगा या नहीं यह स्पष्ट कर दें। जनसंवाद में मामले आने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होगा, तो जनता आखिर कहां जायेगी। अफसर समस्याओं को लेकर संवेदनशील बनें। लापरवाह अफसरों पर त्वरित कार्रवाई होगी। सूचना मिल रही है कि सीएम उद्यमी बोर्ड के प्रखंड समन्वयक को दूसरे काम में लगाया जा रहा है। डीसी ऐसा बिल्कुल नहीं करें। प्रखंड समन्वयक को विलेज को-आॅर्डिनेटर का काम दिया गया है। सिर्फ यही करेंगे।

    नियम-कानून मत समझाइये
    गोड्डा के मोतिया गांव से शिकायत आयी कि 2013 में 30 ग्रामीणों के घर जल गये थे। अधिक क्षति होने के बावजूद मात्र दो हजार रुपये मुआवजा दिया गया। ग्रामीण का दर्द सुनने के बाद सीएम ने कहा कि इसे इंदिरा आवास दें। इस पर आइएएस अधिकारी जब इंदिरा आवास का नियम बताने लगे, तो उनकी बात काटते हुए सीएम ने कहा कि नियम-कानून मत समझाइये। विशेष परिस्थिति में ऐसा किया जा सकता है।

    बोकारो डीसी को फटकार-काहे का डिप्टी कमिश्नर हैं?
    मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बोकारो जिले के डिप्टी कमिश्नर को जमीन के मुआवजा मामले में देरी पर सीधे तौर पर कहा कि लालफीताशाही को समाप्त करें। बिफरे मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि कॉमन सेंस का मामला भी नहीं हल हो पा रहा है। क्या हाइकोर्ट के जज को डीसी बना दिया जाये, बार-बार कोर्ट की बात कह रहे हो। जनता को मत दौड़ाओ। तुरंत निर्णय लो। दरअसल, बोकारो जिले से आये जमीन के एक मामले में मुआवजे की शिकायत लेकर पहुंचे फरियादी ने कहा कि उनका मामला लटका दिया गया है। इस पर डिप्टी कमिश्नर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी जमीन के पुराने रैयत भी मुआवजे को लेकर क्लेम कर रहे हैं इसलिए यह मामला हजारीबाग की एक अदालत में भेजा गया है। इतना सुनते ही सीएम भड़क गये। कहा कि जब सारा मामला जज ही सुलझायेंगे तब आप काहे के डीसी हैं। सरकार डीसी की जगह जज को बिठाया करे। सीएम ने सीधे तौर पर कहा कि जब सारी चीजों से जिला प्रशासन अवगत है, तो ऐसे में मामला लटकना नहीं चाहिए। बिना मतलब के लोगों को दौड़ाया नहीं करें। सीएम ने इस मामले को तुरंत निष्पादित करने का निर्देश दिया।
    गुमला डीडीसी को कहा-उत्तर-दक्षिण मत समझाइये, शौचालय बना नहीं, आंकड़ों पर ओडीएफ?
    मुख्यमंत्री रघुवर दास गुमला के डीडीसी पर भी बरसे। कहा कि उत्तर-दक्षिण क्या समझा रहे हैं। सीधे समस्या पर आइये। लिस्ट लेकर दो दिन में शौचालय निर्माण का काम शुरू होना चाहिए। आंकड़ों में ओडीएफ नहीं होना चाहिए। आखिर अधिकारी किसको गुमराह कर रहे हैं। दरअसल, गुमला में स्वच्छ भारत अभियान के तहत पालकोट पंचायत में एक भी टॉयलेट नहीं बनने की शिकायत जन संवाद में की गयी थी।

    इससे जुड़ी लिस्ट पिछले साल ही जिला प्रशासन को सौंप दी गयी थी।

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