देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ और कुछ हिस्सों में कमजोर बारिश की वजह से चावल-दाल समेत खरीफ अनाज के उत्पादन में करीब 2.77 फीसदी की गिरावट आ सकती है. इस वजह से कुछ अनाजों की कीमत बढ़ सकती है.
खरीफ अनाज का उत्पादन 38.6 लाख टन घटकर 13 करोड़ 46 लाख 70 हजार टन रह जाने का अनुमान है.
कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि धान, दलहन और मोटे अनाज समेत कई खरीफ फसलों का उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड 13 करोड़ 85 लाख 20 हजार टन से कम रह सकता है. नकदी फसलों में कपास, तिलहन और जूट का उत्पादन घटने का अनुमान है, जबकि गन्ने का उत्पादन बढ़ने का अनुमान है. बता दें कि इन फसलों की कटाई का काम अगले महीने से शुरू होगा.
मॉनसून की वजह से उत्पादन पर असर
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, धान का उत्पादन चालू वर्ष में 19 लाख टन घटकर 9 करोड़ 44 लाख टन रह जाने का अनुमान है. जहां तक खरीफ फसल की बात है, पिछले साल रिकॉर्ड 9 करोड़ 63 लाख 90 हजार टन हुआ था.
दलहन कीमतों में गिरावट और कमजोर बरसात के कारण इस फसल का उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड 94.2 लाख टन से घटकर 87.1 लाख टन रह सकता है.
तुअर दाल का उत्पादन 47.8 लाख टन से घटकर 39.9 लाख टन रह जाने का अनुमान है, जबकि उड़द का उत्पादन पहले के 21.7 लाख टन से बढ़कर 25.3 लाख टन रह सकता है.
मोटे अनाज का उत्पादन भी घटकर तीन करोड़ 14 लाख 90 हजार टन रह जाने का अनुमान है, जो पिछले खरीफ सेशन में तीन करोड़ 27.1 लाख टन का हुआ था. मक्के का उत्पादन चालू खरीफ सेशन में घटकर एक करोड़ 87 लाख 30 हजार टन रह जाने का अनुमान है, जो पिछले साल एक करोड़ 92 लाख टन का उत्पादन हुआ था.