रांची। झारखंड के 31 जेलों में बंद कैदियों से हर दिन 1198 लोग मुलाकात कर रहे हैं। बीते 18 दिनों की बात करें, तो 21570 लोग जेल में बंद कैदियों से मिलने आये हैं। बता दें कि झारखंड में कुल 31 जेल हैं। इनमें सात सेंट्रल जेल, 16 डिस्ट्रिक्ट जेल, हजारीबाग में एक ओपन जेल और सात सब-जेल हैं। इन जेलों में कुल 17718 कैदी बंद हैं। इनमें 12397 अंडर ट्रायल और 5321 सजायाफ्ता कैदी हैं।
कारगर साबित हो रहा ई-प्रिसन पोर्टल
भारत सरकार ने जेल में बंद कैदियों से मुलाकात के लिए ई-प्रिसन पोर्टल लॉन्च किया है। ई-प्रिसन पोर्टल के माध्यम से झारखंड में हर दिन जेल में बंद कैदी से लोग मुलाकात कर रहे हैं। एनआइसी ने ई-प्रिसन पोर्टल को विकसित किया और इसे दिसंबर 2014 में झारखंड में लागू किया। इस एप्लीकेशन का मुख्य उद्देश्य झारखंड के कारा विभाग के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है। यह एप्लीकेशन बंदियों में सुधार, व्यापक पारदर्शिता और केंद्रीकृत डेटाबेस नियोजन और प्रबंधन, बंदियों की बेहतर दक्षता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है। इस पोर्टल के माध्यम से जेल में बंद कैदी के परिवार का कोई भी सदस्य घर बैठे अपने मोबाइल या कंप्यूटर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात कर सकता है। इतना ही नहीं, इस पोर्टल के जरिये जेल में बंद कैदी से फेस टू फेस मिलने के लिए भी आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
झारखंड में 856 महिला कैदी, पर एक भी महिला जेल नहीं
झारखंड में कुल 868 महिला कैदी हैं, पर यहां अब तक महिला कैदियों के लिए अलग से जेल नहीं बनाया गया है। पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और बिहार में महिलाओं के लिए अलग से जेल है। बिहार में 2890 महिलाएं जेल में बंद हैं। बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, गुजरात जैसे राज्य में दो-दो महिला जेल हैं। तमिलनाडु जैसे राज्य में 13 महिला जेल हैं, जिसमें 790 महिला कैदी को रखा गया है। केरल के चार महिला जेलों में 186 महिला बंदी हैं। राजस्थान में सात महिला जेल में 688 महिला बंदी हैं।