हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कांफ्रेंस में झारखंड के मुख्यमंत्री से पूछा सवाल
जब बाबूलाल मरांडी भाषण दे रहे थे, आप आंसू गैस का गोला दाग रहे थे
ऐसे डीजीपी के अंदर चुनाव नहीं हो सकता, हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जायेंगे
ज्यूडिशियल इन्क्वारी की डिमांड करेंगे, 12000 अज्ञात लोगों पर केस ब्लैकमेलिंग है
आज झारखंड की जनता पूछ रही है, हमें तो नहीं मिला, आपको मिला क्या?
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा के फायर ब्रांड नेता, असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से हेमंत सरकार और राज्य के डीजीपी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने भाजपा के प्रमुख नेताओं संग 12 हजार भाजपा कार्यकर्ताओं पर एफआइआर करने पर डीजीपी को आड़े हाथों लिया। यहां तक कह डाला कि डीजीपी साहब, हेमंत सरकार को इतना तेल मत लगाइये, आपने लिमिट क्रॉस कर दी है। आपने गलत जगह हाथ डाल दिया है। मैं कोर्ट और इलेक्शन कमीशन के पास जाऊंगा और बोलूंगा कि ऐसे डीजीपी के रहते चुनाव नहीं हो सकता है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने हेमंत सोरेन द्वारा किये गये वादों, झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये, झारखंड में अलकायदा के बढ़ते नेटवर्क, सरकार की वादाखिलाफी, पुलिसिया व्यवस्था, बालू की कालाबाजारी का भी मुद्दा उठाया। उनके साथ मंच पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, सांसद और प्रदेश भाजपा के महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा, मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह उपस्थित थे।
हिमंता बिस्वा सरमा ने सबसे पहले हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला। उन्होंने एक टैग लाइन के माध्यम से अपने वक्तव्य की शुरूआत की। कहा कि हमें तो नहीं मिला, आपको मिला क्या? उन्होंने कहा कि पूरा झारखंड आज यही बात हेमंत सोरेन से पूछ रहा है कि हमें तो नहीं मिला, आपको मिला क्या? अगर झारखंड के पांच लाख युवाओं को नौकरी नहीं दी, तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा। यह बात हमने तो नहीं बोली थी। न ही हमने हेमंत सोरेन को कहा था कि आप ऐसे वादे कीजिए। लेकिन आपने यह प्रण वीर शहीद निर्मल महतो के समाधि स्थल के पास लिया। आज मैं हेमंत सोरेन से पूछना चाहूंगा कि आप राजनीति से संन्यास एक महीने के भीतर लेंगे, या फिर एक-दो दिन के भीतर। मेरी जो जानकारी है, नवंबर में चुनाव होना है। अक्टूबर में झारखंड का शासन लगभग इलेक्शन कमीशन के पास चला जायेगा। आपके हाथ में सितंबर महीना है। आप सितंबर महीने में भी पूरा प्रयास कीजिए, लेकिन कम से कम आप अपने संन्यास लेने की तारीख बता दीजिए कि हम 20 सितंबर या 2 अक्टूबर को, गांधी जयंती का दिन होगा अच्छा होगा, आप इस दिन विधिवत रूप से राजनीति से संन्यास ले लीजिए। हेमंत जी, मेरे पिता तो इतने बड़े नहीं थे, लेकिन आपके पिताजी झारखंड और देश के बहुत बड़े व्यक्तित्व हैं। अगर शिबू सोरेन का बेटा अपना वादा नहीं निभा सकता है, तो कौन ये वादा निभायेगा।
आज झारखंड हेमंत सोरेन से पूछता है कि पांच हजार प्रति महीना बेरोजगारी भत्ता के हिसाब से 15 हजार करोड़ हमारे युवाओं का पैसा कहां गया? यह अब तक मिल जाना चाहिए था, लेकिन नहीं मिला। पेंशन के नाम पर माताओं को 3750 करोड़ रुपया मिल जाना चाहिए था, जो आपने नहीं दिया। झारखंड की 50 लाख महिलाओं को 50 हजार गारंटी फ्री लोन के अनुसार ढाई लाख करोड़ मिल जाना चाहिए था, जो नहीं मिला। 50 लाख महिलाओं को प्रति माह चूल्हा भत्ता 2 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 60 हजार करोड़ नहीं मिला। नवविवाहित महिलाओं को सोने का सिक्का नहीं मिला, 300 करोड़ कहां गया। एक लाख 80 हजार करोड़ रुपया झारखंड के 50 लाख परिवारों को हर साल 72 हजार रुपये के हिसाब से मिल जाना चाहिए था, नहीं मिला। आज आप मंईयां सम्मान योजना लेकर आये हैं। लेकिन महिलाओं को मिलनेवाले लाभ से तो कहीं अधिक खर्च आप दूसरी जगह कर दे रहे हैं। हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि रविवार की सुबह मैं खिजरी विधानसभा के कुछ गावों में गया था। मैंने माताओं से पूछा कि क्या आपको बालू फ्री में मिला। सबने बोला नहीं, एक किलो भी बालू फ्री में नहीं मिला। यहां तक कि गाव की आदिवासी माताएं कह रही थीं कि बालू 5500 से 6000 रुपये में मिल रहा है। वह भी छोटी गाड़ी में। यानि फ्री में तो आप दे नहीं रहे और तो और लोगों से पैसा खींच रहे हो। ये पैसा किसके पॉकेट में जा रहा है। आज आप न तो फ्री में बालू दे रहे हैं न ही नौकरी दे रहे, उल्टा आप उनसे पैसा खींच रहे हैं। मैं बोलना नहीं चाह रहा था, लेकिन कहना पड़ रहा है कि आज झारखंड के लोगों के साथ सरकार डकैती कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बालू माफिया यहां डकैती कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि सीएम से ज्यादा पावर उनके पास है। सीएम फ्री में बालू देना चाहते हैं, माफिया ठेंगा दिखा रहे हैं।
हिमंता ने कहा कि जब मैंने बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया, तो उनको अच्छा नहीं लगा। आज रांची से डॉक्टर को अलकायदा के साथ जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया जा रहा है। झारखंड हाइकोर्ट भी बार बार बोल रहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर के बाहर निकालिये। लेकिन आपने ध्यान नहीं दिया। परिणाम क्या हुआ कि आज रांची शहर से ही अलकायदा सरगना एक डॉक्टर गिरफ्तार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज झारखंड में जो हो रहा है, आप पूछ भी नहीं सकते कि भाई हमें नौकरी कब मिलेगी। झारखंड में युवाओं ने आक्रोश रैली की। उनको उत्तर कैसे मिला आंसू गैस से, लाठीचार्ज से। हिमंता ने कहा कि मैं असम से आता हूं। वहां 30 साल से अल्फा से जूझ रहा हूं। आज तक ऐसी बैरिकैडिंग नहीं देखी। मोराबादी में बाबूलाल मरांडी के सभा संबोधन के दौरान सरकार का युवाओं के साथ जो बर्बर रवैया देखने को मिला, वह शर्मनाक है। एक तरफ बाबूलाल मरांडी भाषण दे रहे हैं और आप आंसू गैस का गोला दाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, अमर बाउरी, संजय सेठ सहित 52 कार्यकर्ताओं पर एफआइआर की गयी। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। इन लोगों को जेल भी जाना पड़ेगा तो कोई दिक्कत नहीं है, परंतु 12000 अज्ञात पर केस करना गलत है। इस अज्ञात के माध्यम से इस सरकार ने ब्लैकमेलिंग का एक रास्ता खोल रखा है कि राज्य के किसी भी हिस्से में कोई युवा या अन्य इस सरकार से सवाल करेगा तो इसी केस में उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा। जालियांवाला बाग में भी ब्रिटिश शासन ने ऐसा एफआइआर नहीं किया होगा, जैसा झारखंड सरकार ने किया है। लोकतंत्र में देश के किसी हिस्से में ऐसा फिर दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिल सकता है।
डीजीपी को चेतावनी
हिमंता ने डीजीपी को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार को तेल लगाना है, तो लगाओ, लेकिन इतना भी मत लगाओ। यह केस सुप्रीम कोर्ट में एक दिन भी नहीं टिकेगा। इस एफआइआर को लेकर कानून के दायरे में आकर हम लोग डीजीपी को कानून सिखा देंगे। डीजीपी साहब, आपने गलत जगह हाथ डाल दिया है। जेएमएम वाले बोलते हैं कि रैली में 5000 आदमी ही अंदर थे, तो फिर यह 12000 का आंकड़ा आपके पास डीजीपी साहब कहां से आया। भारत में संविधान का राज है। तीन दिनों में 12000 का आप नाम दीजिए, अन्यथा हम लोग इसे कोर्ट में लेकर जायेंगे। अज्ञात के नाम पर ब्लैकमेलिंग का रास्ता मत खोलिए। आप पता कर लीजिए, एफआइआर में रणधीर सिंह और कोचे मुंडा का आपने नाम दिया है, तो वे रांची में थे या नहीं थे। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि ऐसे डीजीपी के भरोसे झारखंड में चुनाव संपन्न नहीं हो सकता है।
हिमंता सरमा ने कहा कि हेमंत सोरेन से जवाब मांगने सितंबर में फिर हम लोग आ रहे हैं। हम लोग शहीद निर्मल महतो जी की समाधि पर भी जायेंगे, वहीं से आपको आपके वादों की याद दिलायेंगे। आपको सभी वादों को निभाना ही होगा। आप भले अपने वादे भूल जाइयेगा परंतु हम लोग आपको सोते-जागते इस वादे को भूलने नहीं देंगे। हम तो पूछेंगे ही, झारखंड का हर एक नागरिक पूछेगा कि मुझे तो नहीं मिला, आपको मिला क्या ?