Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, June 6
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»विशेष»‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब ऑपरेशन घुसपैठिया भगाओ
    विशेष

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब ऑपरेशन घुसपैठिया भगाओ

    shivam kumarBy shivam kumarJune 4, 2025No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    विशेष
    बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ हंटर चलाना ही एकमात्र उपाय
    ऑपरेशन पुशबैक को सफल बनाना है तो बातों से नहीं लातों से बनेगी बात
    नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
    पहलगाम नरसंहार और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ भारत का कद दुनिया भर में बढ़ा तो है, लेकिन कई चुनौतियों पर ध्यान देने की जरूरत भी महसूस होने लगी है। इन चुनौतियों में से एक है घुसपैठ की चुनौती। भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं पाकिस्तान और चीन जैसे घोषित दुश्मन देश के साथ तो मिलती ही हैं, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल जैसे देशों से भी मिलती हैं, जहां से घुसपैठिये अवैध ढंग से भारत में प्रवेश कर जाते हैं। इन घुसपैठियों में वैसे तत्व भी शामिल हो जाते हैं, जो भारत में हिंसा और आतंकवाद के जरिये अशांति फैलाने की साजिश रचते हैं। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद इन घुसपैठियों पर ध्यान दिया है और अवैध ढंग से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन पुशबैक शुरू किया है, जिसका अनुकूल परिणाम सामने आने लगा है। भारत के विभिन्न भगों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी जिस तरह की सामाजिक-आर्थिक समस्या पैदा करने लगे हैं, वह भारत की क्षेत्रीय अखंडता और विकास के रास्ते में एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसलिए घुसपैठ की समस्या के खिलाफ सख्त रवैया अपनाना जरूरी हो गया है। ‘ऑपरेशन पुशबैक’ अभी तो केवल दिल्ली और इससे सटे इलाकों में चलाया जा रहा है, लेकिन ऐसे अभियान पूरे देश में चलाये जाने चाहिए, ताकि भारत को घुसपैठ की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सके। क्या है घुसपैठ की समस्या और क्या है ‘ऑपरेशन पुशबैक’, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

    भारत ने बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई तेज कर दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश से कहा है कि वह अपने अवैध नागरिकों को वापस लेने में तेजी लाये। इस बीच भारत ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकाल बाहर करने के लिए एक नयी तरकीब निकाली है। इसे ‘ऑपरेशन पुशबैक’ का नाम दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने 22 मई को कहा कि भारत में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक मौजूद हैं, जिन्हें वापस भेजना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश से इन लोगों की राष्ट्रीयता की पुष्टि करने का अनुरोध किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अब तक दो हजार से अधिक अवैध बांग्लादेशियों को वापस उनके देश भेजे जाने की खबर सीमा से सटे राज्यों में अवैध प्रवासियों की पहचान कर वापस भेजने के अभियान में बड़ी सफलता को तो दर्शाती ही है, यह अवैध घुसपैठ की जमीनी सच्चाई को भी उजागर करती है।

    बड़ी समस्या है अवैध प्रवासन
    अवैध प्रवासन की समस्या भारत के लिए नयी नहीं है। पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में यह मुद्दा लंबे समय से सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक तनाव का कारण बना हुआ है। कुछ वर्ष पहले के आंकड़ों के अनुसार भारत में दो करोड़ से अधिक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे थे। आज यह संख्या बढ़कर कितनी हो गयी है, इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके प्रत्यक्ष और परोक्ष परिणाम संसाधनों पर अनावश्यक बोझ, राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे, स्थानीय जनसांख्यिकीय संतुलन में बदलाव और अपराध में बढ़ोत्तरी के रूप में दिखते हैं। यह मुद्दा चिंतित करने वाला सिर्फ इसलिए नहीं है, क्योंकि ये अवैध प्रवासी नकली नाम और दस्तावेज हासिल कर पश्चिम बंगाल और असम से दूर दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद तक में अपना ठिकाना बनाते हैं, बल्कि इसलिए भी है, क्योंकि उनको पहचानना और पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। अगर पहचान हो भी गयी, तो राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में उन्हें वापस भेजना टेढ़ी खीर साबित होता है। ऐसे में गृह मंत्रालय के निर्देश पर गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने का अभियान जोर-शोर से चल रहा है, जो स्वागतयोग्य है।

    ऑपरेशन पुश-बैक क्या है
    ‘ऑपरेशन पुश-बैक’ भारत सरकार की एक नयी रणनीति है, जिसका उद्देश्य पूर्वी सीमा पर पकड़े जाने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं से त्वरित रूप से निपटना है। ये वे लोग हैं, जो कई वर्षों से अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं। इस ऑपरेशन के तहत अब उस पारंपरिक प्रक्रिया, जैसे पुलिस को सौंपना, एफआइआर दर्ज करना, अदालत में पेश करना, मुकदमा चलाना और फिर निर्वासन प्रोटोकॉल के तहत वापस भेजने को किनारे कर दिया गया है। अब भारतीय सुरक्षाबल घुसपैठियों को तुरंत सीमा पार बांग्लादेश की ओर धकेल रहे हैं। यह इसलिए हो रहा है, ताकि समय और संसाधनों की बचत हो और अवैध घुसपैठ पर तुरंत प्रभाव डाला जा सके।

    अप्रैल से चल रहा है ऑपरेशन
    ‘ऑपरेशन पुशबैक’ अप्रैल 2025 से चल रहा है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है। हमने अब तय किया है कि हम कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरेंगे। पहले निर्णय यह था कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाये और फिर उसे भारतीय कानूनी व्यवस्था में लाया जाये। पहले भी हम विदेशियों को गिरफ्तार करते थे, उन्हें जेल भेजा जाता था और फिर उन्हें अदालत में पेश किया जाता था। अब हमने तय किया है कि हम उन्हें देश के अंदर नहीं लायेंगे, हम उन्हें धकेलेंगे। यह पुश-बैक एक नयी घटना है। हर साल करीब पांच हजार लोग देश में प्रवेश करते हैं और पुशबैक की वजह से यह संख्या अब कम हो जायेगी। इस नयी प्रक्रिया में बांग्लादेशी नागरिकों को भारत के दिल्ली-मुंबई या सूरत जैसे शहरों से पकड़ा जाता है। इसके बाद उन्हें पहले त्रिपुरा, असम या पश्चिम बंगाल लाया जाता है और फिर वहां से बांग्लादेश भेजा जाता है। इस तरह की एक कार्रवाई पिछले महीने हुई। इस दिन एयर इंडिया की दो उड़ानों के जरिये गुजरात से तीन सौ बांग्लादेशी नागरिकों को अगरतला लाया गया और उन्हें जमीनी सीमा के रास्ते वापस भेजा गया। इसी तरह जोधपुर से 148 बांग्लादेशी नागरिकों को कोलकाता भेजा गया, जहां उन्हें एक अस्थायी हिरासत केंद्र में रखने के बाद बांग्लादेश भेज दिया गया।

    गुजरात ने पेश की है मिसाल
    इस मामले में गुजरात से दूसरे राज्यों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसने इस अभियान को सबसे पहले शुरू तो किया ही, अब वह इसमें अग्रणी भूमिका भी निभा रहा है, जिसकी बदौलत वहां अवैध प्रवासी आधे से भी कम रह गये हैं। बांग्लादेशी विदेश मंत्री ने पिछले महीने इस अभियान पर आपत्ति जतायी थी, लेकिन इसके बावजूद भारत ने अपने ढंग से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे पहले है। ताजा अ•िायान की खास बात यह है कि इसमें बायोमीट्रिक्स को भी कैप्चर किया जा रहा है, जिससे अगर अवैध घुसपैठिये दोबारा भारत में प्रवेश करने की कोशिश करें, तो उन्हें रोका जा सके। हैरानी की बात यह है कि इस अभियान के डर से हजारों प्रवासी स्वेच्छा से भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहुंचे हुए हैं। यह दर्शाता है कि सख्त सरकारी नीतियां अवैध प्रवासियों की समस्या से निपटने में कारगर साबित हो सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए सीमा सुरक्षा के तंत्र को और मजबूत किये जाने के साथ बायोमीट्रिक डाटाबेस के विस्तार और कूटनीतिक उपायों पर भी ध्यान देना श्रेयस्कर होगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleछत्तीसगढ़ में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर के घर छापेमारी, करोड़ों की नकदी और हथियार बरामद
    Next Article भारत-नेपाल सीमा से चाइनीज नागरिक गिरफ्तार
    shivam kumar

      Related Posts

      झारखंड की स्कूली शिक्षा व्यवस्था पर रिजल्ट ने उठाये सवाल

      June 3, 2025

      अमित शाह की नीति ने तोड़ दी है नक्सलवाद की कमर

      June 1, 2025

      बिहार में भाजपा को नयी ऊर्जा दे गये पीएम मोदी

      May 31, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री ने चिनाब रेलवे पुल का किया उद्घाटन, वंदेभारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
      • मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल
      • अलकतरा फैक्ट्री में विस्फोट से गैस रिसाव से कई लोग बीमार, सड़क जाम
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version