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    Home»दुनिया»पीओके की विस्फोटक स्थिति को लेकर झुकी शहबाज सरकार, बातचीत शुरू कर कई मांगें मानीं
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    पीओके की विस्फोटक स्थिति को लेकर झुकी शहबाज सरकार, बातचीत शुरू कर कई मांगें मानीं

    shivam kumarBy shivam kumarOctober 4, 2025No Comments3 Mins Read
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    इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की विस्फोट स्थिति और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की गोलीबारी में 12 लोगों की मौत के बाद व्यापक स्तर पर लोगों के गुस्से को देखते हुए पाकिस्तान सरकार को झुकना पड़ा है।शहबाज सरकार प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू कर इस विस्फोटक स्थिति के तात्कालिक समाधान की कोशिश कर रही है।दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत के बाद कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है लेकिन बैठक के नतीजों की आधिकारिक घोषणा फिलहाल नहीं हुई है। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि बैठक में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, शहबाज सरकार उन पर कितना टिकती है।

    मुज़फ़्फ़राबाद के पीसी होटल में शुक्रवार (3 अक्टूबर) को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की तरफ से गठित समिति की उच्चस्तरीय बैठक हुई। जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़, संघीय मंत्री तथा पीओके सरकार के मंत्री शामिल हुए। बैठक में संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) सदस्यों के साथ बातचीत हुई।

    बैठक में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है उनमें हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों की मौतों के मामलों में आतंकवाद निरोधक क़ानून की उचित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने और जरूरत होने पर न्यायिक आयोग नियुक्त किए जाने पर सहमति बनी है।

    इसके अलावा 01 और 2 अक्टूबर की घटनाओं में मारे गए व्यक्तियों के परिजनों को वही मुआवजा मिलेगा जो सुरक्षा बलों के मामलों में निर्धारित है। गोली लगने से घायल प्रति व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाएगा। प्रत्येक मृतक के परिवार के एक सदस्य को 20 दिनों के भीतर सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त मुज़फ़्फ़राबाद और पुंछ संभागों में दो नए इंटरमीडिएट और सेकेंडरी शिक्षा बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। पीओके के तीनों शिक्षा बोर्डों को 30 दिनों के भीतर संघीय इंटरमीडिएट और सेकेंडरी शिक्षा बोर्ड इस्लामाबाद से जोड़ा जाएगा। सरकार 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य कार्ड लागू करने के लिए धन जारी करेगी।

    उल्लेखनीय है कि पीओके में हाल के दिनों में काफी विस्फोटक स्थिति पैदा हो गई। पानी, बिजली, आटा-चावल जैसी बुनियादी चीजों में सब्सिडी, टैक्स में राहत की मांग को लेकर लोगों ने प्रदर्शन और आंदोलन शुरू किया तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी।जिसमें 12 लोगों की जान चली गई और काफी संख्या में लोग घायल हुए। शहबाज सरकार ने कम्युनिकेशन ब्लैकआउट कर दिया।

    गोलीबारी में प्रदर्शनकारियों की मौत से लोगों का गुस्सा और भड़क गया। हजारों प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और पीओके सीमा पर विरोध-प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की। कई जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वैन और बुलडोजर को आग के हवाले कर दिया। पीओके में पुलिस गोलीबारी और हिंसा पर अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों ने चिंता जाहिर की। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पाकिस्तान सरकार से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा करने, प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग से बचने और संचार प्रतिबंधों को हटाने की अपील की। पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने भी हिंसा पर चिंता जताई।

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