टोक्यो। जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) को निवर्तमान प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के उत्तराधिकारी के चुनाव में संसद (डाइट) में झटका लग सकता है। एलडीपी अगले प्रधानमंत्री के चयन के लिए 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान की अंतिम तैयारी में जुटी है। एलडीपी संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) और पार्षद सदन (ऊपरी सदन) में सबसे बड़ी पार्टी है पर संख्या बल में कमजोर है। विपक्ष सत्तारूढ़ पार्टी को पटखनी देने के लिए गुणा-भाग कर रहा है।
जापान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संसद में मतदान इसी सप्ताह निर्धारित था। अब मतदान संसद सत्र के पहले दिन होने की उम्मीद है। इस बात की संभावना है कि नई अध्यक्ष साने ताकाइची के नेतृत्व वाली एलडीपी और जापान की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कॉन्स्टीट्यूशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीपी) के बीच गठबंधन हो सकता है। चार अक्टूबर को ताकाइची के अध्यक्ष निर्वाचित होने का बाद गठबंधन में सहयोगी कोमेइतो पार्टी ने सत्तारूढ़ गुट से बाहर होने की घोषणा की है।
एलडीपी संसद के दोनों सदनों में सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन किसी में भी बहुमत नहीं है। इसलिए कट्टर रूढ़िवादी और पूर्व मंत्री ताकाइची के जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री चुने जाने की संभावना अभी भी अस्पष्ट है। सीडीपी के प्रमुख योशीहिको नोडा ने कहा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (डीपीपी) के नेता युइचिरो तामाकी का समर्थन करना एक विकल्प हो सकता है।
द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार निचले सदन में बहुमत पाने वाला सांसद ही प्रधानमंत्री बनेगा। अगर किसी को बहुमत नहीं मिलता है, तो दो शीर्ष दावेदारों के बीच मुकाबला होगा। इसमें सबसे अधिक वोट पाने वाला व्यक्ति निर्वाचित होगा। सीडीपी, डीपीपी और निप्पॉन इशिन नो काई को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन दोनों पार्टियों की प्रमुख नीतियों और राजनीतिक उद्देश्यों के मामले में काफी अंतर है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि इनमें एकता होगी या नहीं।
विपक्षी दलों ने मंगलवार को संभावित सहयोग का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संसद में कई बैठकें कीं। डीपीपी ने पहले एलडीपी के साथ बैठक की। डीडीपी ने ताकाइची को प्रधानमंत्री चुनने के लिए समर्थन मांगा। डीपीपी महासचिव काज़ुया शिम्बा ने अपने एलडीपी समकक्ष शुनिची सुजुकी से आग्रह किया कि वे आयकर छूट की सीमा बढ़ाने और अस्थायी गैसोलीन कर को समाप्त करने के लिए दोनों दलों के बीच हुए समझौते का सम्मान करें।
शिम्बा ने पार्टी के गठबंधन में औपचारिक रूप से शामिल होने से इनकार करने की बात दोहराई। शिम्बा ने बाद में कोमेइतो के महासचिव मकोतो निशिदा से भी मुलाकात की। इसके बाद डीपीपी महासचिव ने सीडीपी और निप्पॉन इशिन में अपने समकक्षों के साथ बैठक की। शिम्बा ने सीडीपी पर सुरक्षा, ऊर्जा और संविधान पर अपना रुख स्पष्ट करने का दबाव डाला। उन्होने कहा कि उनके निप्पॉन इशिन समकक्ष हिरोशी नाकात्सुका ने भी उनकी भावनाओं का समर्थन किया।
सीडीपी प्रमुख योशीहिको नोडा, निप्पॉन इशिन के सह नेता फुमितके फुजिता और डीपीपी नेता युइचिरो तामाकी के बुधवार को मिलने की उम्मीद है। मंगलवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में तमाकी ने दोहराया कि उनकी पार्टी सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर बुनियादी साझा समझ के बिना विपक्ष के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल नहीं होगी।
अगर डीपीपी, सीडीपी और निप्पॉन इशिन के साथ हाथ मिला लेती है तो तीनों पार्टियों के पास निचले सदन में 209 सीटें होंगी, जो बहुमत के लिए आवश्यक 233 सीटों से कम है। वहीं, अगर डीपीपी, एलडीपी के साथ हाथ मिला लेती है, तो दोनों पार्टियों के पास 223 वोट होंगे। कोमेइतो के समर्थन से संभावित सीडीपी-डीपीपी-निप्पॉन इशिन गठबंधन के पास 234 वोट होंगे, जो बहुमत के लिए न्यूनतम संख्या है।