- एशियाड में निशानेबाजी की डबल ट्रैप स्पर्धा में पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय
- 2015 में पहली बार राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लिया था
पालेमबंग. भारत ने 18वें एशियाई खेलों में शूटिंग में एक और पदक जीता। महज 15 साल के शार्दुल विहान ने गुरुवार को पुरुष डबल ट्रैप में रजत पदक हासिल किया। वे सिर्फ एक अंक से स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए। उन्होंने फाइनल में 73 अंक हासिल किए। वहीं, स्वर्ण पदक जीतने वाले कोरिया के शिन हूनवो ने 74 अंक बनाए। हूनवो ने एशियाई खेलों का रिकॉर्ड भी बनाया। कतर के हमद अली अल मारी 53 अंक के स्कोर के साथ कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
शार्दुल ने ऐसा प्रदर्शन करने के लिए कितनी मेहनत की होगी, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वे प्रैक्टिस के लिए सुबह 4 बजे उठकर मेरठ में अपने गांव से 100 किमी दूर दिल्ली स्थित करणी सिंह शूटिंग रेंज जाते थे। एशियाई चैम्पियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीत चुके अनवर सुल्तान की कोचिंग में शार्दुल ने महज 3 साल पहले ही राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिताओं में भाग लेने शुरू किया था।
क्रिकेटर, शटलर बनने का नहीं मिला था मौका : शार्दुल के पिता दीपक विहान ने बेटे को 6 साल की उम्र में क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए भेजना शुरू कर दिया था। करीब एक साल बाद शार्दुल ने उन्हें बताया कि उसे सबसे पीछे खड़ा किया जाता है। बल्लेबाजी के लिए भी सबसे बाद में बुलाते हैं। इस पर उन्होंने बेटे को बैडमिंटन की प्रैक्टिस करानी शुरू कराई। एक दिन शार्दुल गांव से स्टेडियम पहुंचने में लेट हो गया। इस पर कोच ने उसे वापस घर भेज दिया।
वेदपाल ने पहली नजर में ही प्रतिभा पहचानी : दीपक के मुताबिक, “मैं शार्दुल को लेकर उसी दिन राइफल एसोसिएशन के वेदपाल सिंह से मिला। उन्होंने उसकी कम उम्र देखकर थोड़ा इंतजार करने को कहा। हालांकि शार्दुल शरीर से थोड़ा हेल्दी था, इसलिए उन्होंने पास रखी एक राइफल उठाकर निशाना लगाने को कहा। शार्दुल ने आराम से राइफल उठाई और निशाना लगाया। यह देखकर वेदपाल तुरंत प्रैक्टिस कराने की हामी भर दी।”
12 साल से कम उम्र का होने के कारण नेशनल नहीं खेल पाए थे शार्दुल : दीपक ने बताया, “शार्दुल 2012 में पहली बार नार्थ जोन प्रतियोगिता में उतरा। उसने वहां रजत पदक जीता। उसके बाद नेशनल की तैयारी शुरू की। हालांकि नेशनल में 12 साल से कम उम्र का खिलाड़ी नहीं खेल सकता है, जबकि शार्दुल 9 साल का ही था, इसलिए उसमें वह भाग नहीं ले सका।”
क्वालिफिकेशन में टॉप कर फाइनल में पहुंचे थे : शार्दुल क्वालिफिकेशन में 141 का स्कोर बनाकर 10 खिलाड़ियों में पहले स्थान पर रहे थे। इसी स्पर्धा में अन्य भारतीय अंकुर मित्तल ने क्वालिफिकेशन में 134 का स्कोर किया। वे नौवें स्थान पर रहे, इसलिए फाइनल में जगह नहीं बना सके। शार्दुल एशियाई खेलों में डबल ट्रैप स्पर्धा में पदक जीतने तीसरे भारतीय निशानेबाज हैं। उनसे पहले 2010 में रंजन सोढी ने स्वर्ण और उसी साल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने रजत पदक अपने नाम किया था।
नेशनल शूटिंग में एक ही दिन जीते थे 4 गोल्ड : उत्तरप्रदेश के मेरठ के सिवाया गांव के रहने वाले शार्दुल पिछले साल तब सबकी नजरों में आए थे, जब उन्होंने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में एक ही दिन में 4 गोल्ड मेडल जीत लिए थे। तब उन्होंने सीनियर और जूनियर दोनों वर्गों में पुरुष डबल ट्रैप में एकल और टीम स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते थे। सीनियर वर्ग में उन्होंने दुनिया के नंबर वन डबल ट्रैप शूटर अंकुर मित्तल को भी पीछे छोड़ दिया था।