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    Home»Breaking News»इंडोनेशिया में सुनामी आने से 168 की मौत, 600 जख्मी
    Breaking News

    इंडोनेशिया में सुनामी आने से 168 की मौत, 600 जख्मी

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 23, 2018No Comments3 Mins Read
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    जकार्ता। इंडोनेशिया की सुंदा खाड़ी में सुनामी की चपेट में आकर 168 लोगों की मौत हो गयी। 600 से ज्यादा जख्मी हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार देर रात अनाक क्राकातोआ ज्वालामुखी फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन आ गया। इससे उठी 50 से 65 फीट ऊंची लहरों ने तटीय इलाकों में तबाही मचा दी। दक्षिणी सुमात्रा के किनारे स्थित कई इमारतें तबाह हो गयीं।
    सुंदा खाड़ी इंडोनेशिया के जावा और सुमात्रा द्वीप के बीच है। यह जावा समुद्र को हिंद महासागर से जोड़ती है। सुमात्रा के दक्षिणी लामपुंग और जावा के सेरांग और पांदेलांग इलाके में सुनामी का सबसे ज्यादा असर पड़ा।

    इंडोनेशिया के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुग्रोहो के मुताबिक, जियोलॉजिकल एजेंसी सुनामी की वजहों का पता लगाने में जुट गयी है। मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
    अनक क्राकातोआ एक छोटा ज्वालामुखी द्वीप है। यह 1883 में क्राकातोआ ज्वालामुखी के फटने के बाद अस्तित्व में आया था। नॉर्वे के पत्रकार ओएस्टीन एंडरसन के मुताबिक, ज्वालामुखी फटने के समय वे करीब के ही एक द्वीप से उसकी फोटो ले रहे थे। इसी दौरान एक 50 से 65 फीट ऊंची लहर तट पर आती दिखी। एंडरसन ने बताया कि उन्हें जान बचाकर होटल की तरफ भागना पड़ा। हालांकि, इसके बाद अगली ही लहर होटल तक पहुंच गयी। इसकी चपेट में आने से होटल के बाहर खड़ी कारें पलट गयीं।

    लोगों को सावधान नहीं कर पाया आपदा प्रबंधन विभाग
    एबीसी के रिपोर्टर डेविड लिप्सन के मुताबिक, आपदा विभाग लोगों को सुनामी के बारे में बताने में नाकाम रहा। पहले ऊंची लहरें उठने पर कहा गया था कि पूरे चांद की वजह से ज्वार भाटा आ सकता है। विभाग ने लोगों से अफवाह न फैलाने की अपील की थी। हालांकि अब एजेंसी ने माफी मांगी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भ्रम की एक वजह यह थी कि सुनामी से पहले भूकंप जैसी कोई गतिविधि नहीं थी।

    तीन महीने पहले भूकंप और सुनामी से हुई थी 832 लोगों की मौत
    इसी साल सितंबर में इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप स्थित पालु और दोंगला शहर में भूकंप के बाद सुनामी आने से 832 लोगों की मौत हो गयी थी। हजारों लोग घायल हुए थे। कुल छह लाख की आबादी वाले इन दोनों शहरों में आपदा के बाद बीते तीन महीनों से हालात सामान्य नहीं हो पाये हैं।

    14 साल पहले आई सुनामी में गयी थी दो लाख लोगों की जान
    2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद हिंद महासागर के तटीय इलाकों वाले देश सुनामी की चपेट में आ गये थे। तब भारत समेत 14 देश सुनामी से प्रभावित हुए थे। दुनियाभर में 2.20 लाख लोगों की जान गयी। इनमें 1.68 लाख लोग इंडोनेशिया के थे।

    सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं वाला देश इंडोनेशिया
    इसी साल जुलाई में इंडोनेशिया में एक हफ्ते के अंतराल में भूकंप के दो झटके आये थे। लोम्बोक में 7 और बाली में 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इनमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इंडोनेशिया दुनिया में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदाओं वाला देश है। यह रिंग आॅफ फायर पर मौजूद है। यहां धरती के अंदर मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट्स आपस में टकराने से भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं ज्यादा होती हैं।

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