रांची। गुरुवार का दिन झारखंड के 1.06 लाख युवाओं के नाम रहा। इस ऐतिहासिक दिन में सरकार ने एक साथ 1.06 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराया। खेलगांव स्थित बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में ग्लोबल स्किल समिट के तहत युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 11 युवाओं को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपा। इसमें बीआइटी सिंदरी धनबाद के बलिया सोरेन को टाटा स्टील में 11 लाख रुपये सालाना का पैकेज दिया गया। मौके पर सीएम रघुवर दास ने झारखंड में छह कौशल विकास केंद्रों का शिलान्यास किया। इसमें रांची में दो और कोडरमा, पलामू, जामताड़ा तथा लोहरदगा में एक-एक केंद्र खोला जायेगा। साथ ही स्किल समिट के दौरान आठ एमओयू भी किये गये। एनएसडीएम के एमडी रवि रंजन ने सभी कंपनियों के सीइओ के साथ एमओयू एक्सचेंज किया। कैमपी, बीएसडीयू, हेतीक इंडिया इंस्टीट्यूट आफ वेल्डिंग, सेंचुरियन यूनिवर्सिटी, इस्ट आटो, फेस्टो और सचनिदेर के साथ एमओयू किया गया। समिट में 17 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। साथ ही तीन ट्रेनिंग पार्टनर को सम्मानित भी किया गया।
स्किल समिट में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आनेवाले 10 साल में झारखंड दुनिया के विकसित राष्ट्रों की बराबरी करेगा। उन्होंने कहा कि देश का ऐसा पहला राज्य झारखंड बना है, जहां तीन समिट किये गये। फरवरी 2017 में मोमेंटम झारखंड, 2018 में पहले एग्रीकल्चर एंड फूड समिट और अब स्किल समिट का आयोजन किया गया। अब झारखंड सरकार की कोशिश है कि जो भी इंडस्ट्री यहां लगे, उन्हें कुशल कारीगर झारखंड से ही मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के साथ-साथ देश और दुनिया में रोजगार के कई अवसर मौजूद हैं। हम आदिवासी जनजाति और पिछड़े बच्चों को कुशल बना रहे हैं। दुनिया में झारखंड की अलग पहचान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया बूढ़ी हो रही है, लेकिन हमारा देश भारत युवा भारत है। देश में 65 फीसदी लोग 35 साल से कम उम्र के हैं, जो दुनिया भर के देशों की जरूरतों को पूरा करेंगे।
70 साल तक राजनीतिक पार्टियों ने युवाओं से सिर्फ झंडा उठवाया : मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में देश और दुनिया में झारखंड ने इतिहास रच दिया है। इसके लिए नौजवानों, कॉरपोरेट सेक्टर और झारखंड सरकार की टीम को धन्यवाद। उन्होंने कहा कि रोजगार पानेवाले एक लाख नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी इंसान को हिम्मत नहीं हारना चाहिए। कठिन परिश्रम करने में झारखंड के बच्चे किसी से कम नहीं हैं। गारमेंट सेक्टर में अरविंद मिल्स में काफी संख्या झारखंड के बच्चों को रोजगार मिला। भारत के पास संभवानाएं काफी हैं। आजादी के 70 वर्ष के बाद देश में युवा शक्ति को राजनीतिक पार्टियों ने झंडा ढोने के लिए इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इनके बारे में सोचा। टीम झारखंड के कारण प्रधानमंत्री का सपना पूरा हुआ। आने वाले समय में हमारी सोच है कि गांव में रहने वाले गरीब बच्चे को भी हुनर देने का काम झारखंड सरकार करेगी। झारखंड के युवाओं से अपील है कि नजदीकी ट्रेनिंग सेंटर से कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त करें, नौकरी आपका इंतजार कर रही है।