Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, June 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»झारखंड»खूंटी»क्या कड़िया मुंडा की विरासत को संभाल कर रख पायेंगे अर्जुन?
    खूंटी

    क्या कड़िया मुंडा की विरासत को संभाल कर रख पायेंगे अर्जुन?

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskMarch 31, 2019No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    अनिल मिश्र
    खूंटी। जनजातियों के लिए आरक्षित खूंटी संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है। आजादी के बाद अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में भाजपा के कड़िया मुंडा को आठ बार विजय हासिल हुई है। 1977 में वह जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार संसद पहुंचे थे। इसके बाद 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2009 और 2014 में भाजपा के टिकट पर कड़िया मुंडा लोकसभा सदस्य चुने गये। 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने उन्हें पराजित किया था। वैसे शुरुआती दौर में खूंटी झारखंड पार्टी का गढ़ हुआ करता था, जहां से मारंग गोमके के रूप में प्रसिद्ध जयपाल सिंह मुंडा ने 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में खूंटी का प्रतिनिधित्व लोकसभा में किया। 1957 और 1962 में भी वे झारखंड पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया और 1967 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीता। उस समय के दिग्गज आदिवासी नेता एनइ होरो ने झारखंड पार्टी को पुन: खड़ा किया और 1972 में वे पार्टी के सांसद बने। 1980 में वे फिर से लोकसभा सदस्य चुने गये। 1984 के इंदिरा लहर में कांग्रेस के साइमन तिग्गा खूंटी के सांसद बने।
    कितनी चुनौती है अर्जुन के सामने
    भाजपा ने इस बार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दिग्गज नेता पद्मभूषण से अलंकृत सांसद कड़िया मुंडा ने भी खुले मन से पार्टी के निर्णय का स्वागत किया और अर्जुन मुंडा के सिर पर हाथ रख कर उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया। अर्जुन मुंडा की उम्मीदवारी से कार्यकर्ताओं में एक नया जोश आ गया है। भाजपा ही नहीं, विरोधी दल के नेता भी स्वीकार करते हैं कि भाजपा ने दमदार उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। झामुमो के विधायक पौलुस सुरीन तो खुले तौर पर कहते हैं कि आदिवासी समाज में अर्जुन मुंडा की अच्छी पकड़ है। इसका लाभ उन्हें संसदीय चुनाव में मिल सकता है। हालांकि कांग्रेस या अन्य दलों ने अपने तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन इतना तय है कि कांग्रेस के अलावा झारखंड पार्टी, अखिल भारतीय झारखंड पार्टी, आदिवासी सेंगेल पार्टी सहित अन्य दलीय और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी जंग में कूदेंगे। राजनीति के जानकार कहते हैं कि झारखंड नामधारी दल और सेंगेल पार्टी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। उनका मानना है कि मतों के बिखराव का लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिल सकता है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Article‘मोदी 15 लाख नहीं दे सके, हम देंगे 72 हजार’
    Next Article हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता
    azad sipahi desk

      Related Posts

      पंचायत सेवक खुदकुशी मामले में जांच का आदेश, डीसी ने जांच कमेटी का किया गठन

      June 15, 2025

      भूमि विवादों के समाधान को लेकर सोशल मीडिया से शिकायत भेजें लोग : मंत्री

      June 15, 2025

      पंचायत सेवक ने बीडीओ सहित चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर की खुदकुशी

      June 15, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • पंचायत सेवक खुदकुशी मामले में जांच का आदेश, डीसी ने जांच कमेटी का किया गठन
      • भूमि विवादों के समाधान को लेकर सोशल मीडिया से शिकायत भेजें लोग : मंत्री
      • केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जयपुर के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट की मौत
      • पंचायत सेवक ने बीडीओ सहित चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर की खुदकुशी
      • स्लम बस्तियों में पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को जगा रही है संस्कृति फाउंडेशन
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version