आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। भारत के निरंतर दबाव के बीच पाकिस्तान ने सीमा पार तनाव को कम करने की पेशकश की है। भारत को यह आॅफर पाकिस्तानी सेना के जरिये दिया गया है। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारत को पाकिस्तानी सेना ने दोनों पक्षों के बीच संचार के संस्थागत सैन्य चैनल के जरिये यह आॅफर दिया है। दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) निरंतर एक-दूसरे के संपर्क में हैं। इसी बातचीत के दौरान यह आॅफर दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा से विशेष सेवा समूह (एसएसजी) को हटाने की पेशकश और दोनों तरफ की तोपों को हटाने का सुझाव दिया है।
14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने पुलवामा में आतंकी हमला किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के आतंकी कैंपों में एयर स्ट्राइक करके उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और सीमा पर एहतियातन एसएसजी की तैनाती की थी।
भारत का पाकिस्तान पर दबाव केवल सीमा पर नहीं है, बल्कि राजनयिक भी है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भारत का समर्थन कर रहे हैं, वहीं चीन ने भी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर लगायी अपनी तकनीकी रोक को वापस ले लिया है। भारत वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) को पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने पर जोर दे रहा है। एफएटीएफ एक वैश्विक संस्था है, जो मनी लांडरिंग और आतंकी फंडिग के मामलों को देखता है। रिपोर्ट में भारतीय सेना का कहना है कि पुलवामा के बाद सीमा पार से घुसपैठ या सामरिक कार्रवाई की कोई कोशिश नहीं हुई। दिलचस्प बात यह है कि नियंत्रण रेखा पर बने आतंकियों के लांचपैड खाली पड़े हैं। इनके जरिये आतंकी भारतीय सीमा में घुसते थे। रिपोर्ट में भारतीय सेना का कहना है कि नियंत्रण रेखा के आसपास के क्षेत्र में आतंक का बुनियादी ढांचा पाकिस्तान पर बनाये जा रहे दबाव के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।