रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास मंगलवार को पूरे तेवर में दिखे। मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में आयोजित सीधी बात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रामगढ़ की एक विधवा को पेंशन के लिए बार-बार दौड़ाने पर डीसी राजेश्वरी बी को खरी-खरी सुनायी। उन्होंने कहा कि जब पेंशन के लिए विधवा को मुख्यमंत्री से गुहार लगानी पड़ रही है, तो साफ है कि सिस्टम फेल हो गया है। उन्होंने कहा कि और जिलों में भी ऐसी स्थिति हो सकती है। उन्होंने कहा कि लगता है कि डीसी को काम से कुछ लेना-देना नहीं रह गया है। उन्हें सिर्फ वेतन से मतलब रह गया है।
हर महीने आयोजित होनेवाले सीधी बात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कुल 23 शिकायतें सुनीं और उनका मौके पर ही समाधान किया। इस दौरान उन्होंने सख्त लहजे में अधिकारियों से कहा कि वे शासक नहीं, बल्कि सेवक बन कर काम करें। सीएम ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक शनिवार को शाम चार से पांच बजे तक जिलों में समीक्षा बैठक करें। यह समीक्षा बैठक जनसंवाद मुख्यालय में होनेवाली साप्ताहिक समीक्षा की तर्ज पर की जाये। दरअसल सीएम जिलों से छोटे-छोटे मामले उन तक पहुंचने पर भड़क गये। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता कि प्रखंड, अनुमंडल और जिलास्तर पर पदाधिकारी काम नहीं कर रहे हैं।
वृद्धा की शिकायत पर भड़का सीएम का गुस्सा
सीएम के सामने रामगढ़ की 63 वर्षीय नारायणी मुखर्जी की शिकायत आयी। इसमें कहा गया था कि वृद्धा को 2014 से पेंशन नहीं मिल रही है। इस पर सीएम ने पेंशन का भुगतान एरियर के साथ 15 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले में लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारी से शोकॉज पूछने का भी निर्देश दिया।
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