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    Home»Top Story»झारखंड में भाजपा की ‘चुनावी बमबारी’
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    झारखंड में भाजपा की ‘चुनावी बमबारी’

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskSeptember 9, 2019No Comments4 Mins Read
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    मंडल प्रवास कार्यक्रम के जरिये नाप ली सभी 81 सीटें

    आम तौर पर रविवार की सुबह थोड़ी अलसायी हुई होती है, लेकिन विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी राजनीतिक पार्टियों के लिए ऐसा कुछ नहीं होता। और खास कर भाजपा के लिए तो बिल्कुल नहीं होता। भाजपा की खासियत है कि इसके नेता और कार्यकर्ता तब तक चैन से नहीं बैठते, जब तक कि लक्ष्य पूरा नहीं हो जाये। कुछ ऐसा ही नजारा आठ सितंबर को देखने को मिला। हरमू स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आम दिनों की तरह सुबह से ही गहमा-गहमी शुरू हो गयी थी। नेता और कार्यकर्ता वहां पहुंचने लगे थे और प्रदेश के दूसरे हिस्सों से फीडबैक लेने का काम बदस्तूर चल रहा था। यह सब देखने के बाद ऐसा लगा कि राजनीति को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और भाजपा यही कर रही है।
    बेहद सक्रिय है भाजपा
    हमारे देश में अमूमन राजनीतिक दल ऐसा नहीं करते। चुनाव घोषित होने से पहले उनमें इतनी सक्रियता नहीं दिखती थी। लेकिन भाजपा ने इस अवधारणा को बदल कर रख दिया है। पार्टी ने दो दिन का मंडल प्रवास कार्यक्रम आयोजित कर साफ कर दिया कि वह चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है। इस कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया। वह खुद दो दिन तक अपने विधानसभा क्षेत्र के अधीन पड़नेवाले मंडलों की बैठकों में शामिल हुए। उनके अलावा प्रदेश स्तरीय दूसरे नेताओं को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेवारी दी गयी थी। उन सभी नेताओं ने भी मंडल प्रवास किया और पार्टी के सबसे निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा चुनाव की रणनीति बनायी।
    भाजपा का हर कार्यकर्ता हो गया सक्रिय
    इस कार्यक्रम के कई लाभ भाजपा को हासिल हुए। एक तो उसने राज्य की सभी 81 सीटों पर एक साथ कार्यक्रम कर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। पार्टी को दूसरा लाभ यह हुआ कि उसने अपनी भावी रणनीति और कार्यक्रमों को निचले स्तर तक पहुंचा दिया। तीसरा और सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में नये उत्साह का संचार हुआ, क्योंकि उन्हें पार्टी के भीतर अपने महत्व का पता चला। प्रदेश या केंद्रीय नेताओं के साथ बैठक करना और उनके सामने अपनी समस्याएं रखना किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। सभी दल ऐसा करते हैं, लेकिन भाजपा ने यह काम दो दिन के भीतर पूरे राज्य में एक साथ किया। अब तक देखा जाता था कि चुनाव घोषित होने के बाद पार्टियां एक-एक विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन या दूसरे राजनीतिक कार्यक्रम करती थीं। ऐसा पहली बार हुआ कि भाजपा ने एक साथ पूरे राज्य को नाप लिया।
    भाजपा की राह हुई आसान
    मंडल प्रवास कार्यक्रम से भाजपा की चुनावी राह आसान हो गयी है। विपक्षी दलों के नेता अभी जहां यात्रा करने में व्यस्त हैं, वहीं भाजपा ने महज दो दिन में ही राज्य की सभी सीटों पर पहले चरण का काम पूरा कर लिया है। भाजपा के पास अपने कार्यकर्ताओं की सूची तैयार हो गयी है और अब वह अपने अगले कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मंडल कार्यकर्ता सम्मेलनों के दौरान भाजपा नेताओं ने 65 प्लस के लक्ष्य को हासिल करने की बात याद दिलायी। साथ ही कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलायी गयी और चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी देने को कहा गया। जाहिर है कि इस जनसंपर्क अभियान का मतलब यह है कि भाजपा यह चुनाव पूरी तरह सकारात्मक मुद्दों पर लड़ने का मूड बना चुकी है।
    विपक्ष को नहीं सूझ राह इसका जवाब
    भाजपा की इस ‘चुनावी बमबारी’ का जवाब फिलहाल विपक्ष को नहीं सूझ रहा है। यह बात भी सच है कि विपक्षी दलों के पास न तो इतना संसाधन है और न ही समर्पित नेता और कार्यकर्ता। विपक्ष के नेता या तो राज्यव्यापी यात्रा निकाल रहे हैं या फिर राज्य के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर अपनी जमीन को मजबूत करने में जुटे हैं। वे पूरे राज्य में एक साथ कोई कार्यक्रम करने की कल्पना करने की भी स्थिति में नहीं हैं। उन्हें भाजपा का जवाब देने का रास्ता ही नहीं सूझ रहा है। इसलिए उनके पास मुद्दे भी नहीं हैं। इसका मतलब साफ है कि विपक्ष इस बार भी नकारात्मक मुद्दे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ेगा, क्योंकि उसके पास और कोई हथियार ही नहीं है।
    इस तरह कहा जा सकता है कि भाजपा एक ठोस रणनीति और सधे हुए कदमों से अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। इसमें उसके बड़े कार्यक्रम और अभियान ने उसे ताकत दी है, जबकि विपक्ष को हर दिन भाजपा की रणनीति का जवाब देने के लिए जूझना पड़ रहा है। इससे साफ है कि इस साल के अंत में होनेवाला झारखंड विधानसभा का चुनाव बेहद दिलचस्प होनेवाला है। इस चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों के सकारात्मक मुद्दे होंगे, तो उसके जवाब में विपक्ष की ओर से किस हथियार का इस्तेमाल किया जायेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

    BJP's 'election bombing' in Jharkhand
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