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    Home»Top Story»झारखंड में आचार संहिता सिर पर, रेस हुए राजनीतिक दल
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    झारखंड में आचार संहिता सिर पर, रेस हुए राजनीतिक दल

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskSeptember 19, 2019No Comments6 Mins Read
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    रांची। किसी मंजिल को पाना है, तो समय से उसकी तैयारी भी शुरू होनी चाहिए। 12 अक्तूबर के आसपास झारखंड में चुनावी रणभेरी बजनेवाली है। इस संभावना को देखते हुए झारखंड के तमाम राजनीतिक दल भी चुनावी अखाड़े में कूद गये हैं। भाजपा तो मंजिल पाने के मंत्र को पहले से ही समझ चुकी है। विभिन्न प्रयोजनों के माध्यम से वह इसमें जुटी है। इधर, कांग्रेस, झामुमो, आजसू, झाविमो समेत तमाम छोटे-बड़े दल भी आचार संहिता की घोषणा से पहले ज्यादा से ज्यादा यात्रा, सभा, कार्यक्रम कर लेना चाहते हैं। इसलिए भी कि आचार संहिता के बाद कार्यक्रमों पर चुनाव आयोग की भी नजर रहती है। कार्यक्रम को लेकर परमिशन तक लेना पड़ता है। अब यह कहा जा सकता है कि झारखंड में मिशन 2019 सिर्फ बीजेपी का ही मिशन नहीं रह गया है, बल्कि झारखंड में तमाम विपक्षी दलों ने भी मिशन-2019 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। 12 अक्तूबर से पहले भाजपा पूरे झारखंड को साधने में लगी है, तो सुदेश महतो, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन और अब रामेश्वर उरांव भी रण में कूद चुके हैं। इस पर प्रस्तुत है राजीव की विशेष रिपोर्ट।

    भाजपा: हसरत को हकीकत में बदलने की तैयारी

    मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अगले छह दिनों में झारखंड में 581 किमी की यात्रा पूरी करेंगे। मुख्यमंत्री इस यात्रा के तहत 44 सभाएं करने जा रहे हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय हो गया है। पहले चरण में मुख्यमंत्री संथाल परगना से चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री 19 सितंबर से लेकर 24 सितंबर तक संथाल के विभिन्न जिलों में पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। यह सिलसिला समय के साथ और तेज ही होगा। रणनीति पर गौर करें, तो चुनाव तक सीएम का फोकस संथाल और कोल्हान पर ज्यादा होगा। जाहिर है रघुवर दास बीजेपी के उम्मीदवारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को लामबंद कर रहे हैं। वैसे यह काम वे महीनों से करते रहे हैं। जिद के साथ और ये जिद है जेएमएम को संताल परगना में एक बार फिर करारी शिकस्त देना।
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की भी सीधी नजर संथाल और कोल्हान पर भी है। चुनाव तक भाजपा के कई फायरब्रांड नेता चुनावी सभा करेंगे। जाहिर है बीजेपी के उम्मीदवारों को चुनाव तक ऊर्जा मिलती रहेगी।
    आज 115 किलोमीटर की यात्रा करेंगे सीएम
    सीएम यात्रा के पहले दिन यानी 19 सितंबर को मिहिजाम, बांदो, नाला यज्ञ मैदान, कुंडहित, मसलिया दलाही, मसलिया प्रोपर, दुमका गांधी मैदान में कार्यक्रम करेंगे। मुख्यमंत्री दुमका में रात्रि विश्राम करेंगे। 20 सितंबर को मुख्यमंत्री की यात्रा शिकारीपाड़ा मैदान से शुरू होगी, जो पाकुड़ के सिदो-कान्हू पार्क के सामने समाप्त होगी। 21 सितंबर को मुख्यमंत्री की आमड़ापाडा, 22 सितंबर को साहेबगंज रेलवे मैदान, 23 सितंबर को पोड़ैयाहाट ब्लॉक मैदान और 24 सितंबर को कमराटांड़ विद्यासागर की कर्मस्थली नंदन कानन से यात्रा की शुरुआत होगी। देवघर आर मित्रा मैदान में सभा करने के बाद मुख्यमंत्री 24 सितंबर को रांची लौट जायेंगे। 25 सितंबर से कोल्हान में सीएम जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेंगे। दुर्गा पूजा से पहले वह संथाल परगना और कोल्हान की यात्रा पूरी कर लेंगे। इसके बाद अन्य प्रमंडलों में पार्टी की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।
    झामुमो: बदलाव यात्रा के जरिये हेमंत ने झोंकी ताकत
    झामुमो भी मौके की नजाकत भांपते हुए गांवों, पहाड़ों में मोर्चाबंंदी शुरू कर दी है। झामुमो की बदलाव यात्रा के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गयी है। झामुमो इस यात्रा के जरिये राज्य के सभी जिलों में लोगों से अपने कनेक्ट को मजबूत करने का दावा कर रहा है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 26 अगस्त को संथाल परगना के साहेबगंज जिले से बदलाव यात्रा शुरू की है। इसका समापन 26 सितंबर को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा। मौके पर विशाल रैली का आयोजन किया जायेगा। पार्टी के प्रवक्ता मनोज पांडेय का दावा है कि यात्रा के जरिये युवाओं के साथ हेमंत सोरेन सीधा संवाद कर रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा कथित रूप से उन्हें छले जाने का विश्वास दिला रहे हैं। यह बदलाव यात्रा पांच चरणों में विभाजित है। पहले चरण की बदलाव यात्रा संथाल परगना से शुरू हुई। वहीं, दूसरे चरण में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सभी छह जिले में रैली आयोजित की गयी। इसकी शुरुआत बोकारो जिले से तीन सितंबर को की गयी। तीसरे चरण की शुरुआत रामगढ़ में 11 सितंबर को की गयी। पश्चिम सिंहभूम में 12 सितंबर से आयोजित की गयी। राज्य के सभी 24 जिलों में पांच अलग-अलग चरण में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके बाद 26 सितंबर को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में बदलाव महारैली आमसभा आयोजित की जायेगी।
    जनादेश समागम को लेकर झाविमो ने झोंकी ताकत
    रांची में होने वाले जनादेश समागम को लेकर झाविमो ने पूरी ताकत झोंक दी है। जिला मुख्यालय से लेकर सभी 13 प्रखंडों में इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है। 25 सितंबर को रांची के प्रभात तारा मैदान में होनेवाले जनादेश समागम को सफल बनाने की तैयारी और रणनीति हर स्तर पर बनायी जा रही है। समागम में शिरकत करने की व्यवस्था और कोष संग्रह करने का निर्णय लिया भी झाविमो ने लिया है। जनादेश समागम की तैयारियों का झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी खुद जायजा ले रहे हैं। कार्यकर्ताओं को पंडाल, मंच और अन्य आवश्यक चीजों को लेकर निर्देश दे रहे हैं। बताते चलें कि पार्टी कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जी-जान से जुटे हुए हैं। कार्यक्रम में धनबाद से 10,000 कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। बाबूलाल मरांडी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ताओं से एक वोट और एक नोट लेने का नारा दे चुके हैं। आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह कार्यक्रम वोटरों के बीच झाविमो की पकड़ का परिचय देगा। इसलिए बाबूलाल मरांडी स्वयं इस कार्यक्रम पर नजर रखे हुए हैं।
    महिला सम्मेलन के जरिये आजसू ने फूंका चुनावी बिगुल
    महिला सम्मेलन के जरिये आजसू पार्टी भी चुनावी दंगल में उतर गयी है। पार्टी की ओर से विभिन्न पंचायतों में महिला सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। आजसू अपने प्रभाव क्षेत्रों में फिलहाल इसका आयोजन कर रही है। इसके तहत अब तक बुढ़मू, ओरमांझी समेत कई प्रखंडों में इसका आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं की भारी संख्या देखने को मिली। आजसू प्रमुख सुदेश महतो इसमें स्वयं मौजूद रहकर सरकार की उपलब्धियों का ब्योरा दे रहे हैं। साथ ही आजसू के एजेंडों को भी सामने रख रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी अपने एजेंडों पर अडिग है। कई मोचों पर वह पिछड़ा वर्ग का हिमायती बन कर उभरे हैं, तो स्थानीय और झारखंड आंदोलनकारियों के साथी भी बने रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक उनकी इस यात्रा को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।
    झारखंड के अन्य दलों ने भी झोंकी ताकत
    झारखंड के छोटे-छोटे दल भी चुनाव में ताकत झोंकने में लगे हैं। राजद जहां महागठबंधन से दया की उम्मीद पर टिका है। वहीं लोजपा और जदयू भी अपनी शक्ति का एहसास कराने को व्याकुल है। एक ओर जहां संथाल से लोजपा के चिराग पासवान रैली कर चुनावी शंखनाद कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार ने रांची में रैली कर शक्ति का एहसास कराया है।

    Code of Conduct in Jharkhand heads political parties race
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