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    Home»झारखंड»कोरोना: स्क्रीनिंग का विरोध, सड़क पर उतरे लोग
    झारखंड

    कोरोना: स्क्रीनिंग का विरोध, सड़क पर उतरे लोग

    azad sipahiBy azad sipahiApril 3, 2020Updated:April 3, 2020No Comments4 Mins Read
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    सदर अस्पताल से सहियाओं को भेजा गया था हिंदपीढ़ी में जांच करने के लिए, जांच करने पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों को खदेड़ा

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस की जांच करने पहुंचे स्वस्थ्यकर्मियों पर हुए हमले और पथराव के बाद झारखंड की रांची राजधानी में भी ऐसी ही नौबत आ गयी थी। गुरुवार की सुबह हिंदपीढ़ी में जब स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जांच करने के लिए पहुंची, तो इलाके के लोग उत्तेजित हो गये और हाथों में पत्थर उठा लिये। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया और लोगों को पथराव करने से रोक दिया। लोगों के गुस्से को देखते हुए मेडिकल टीम को वापस भेज दिया गया। बताते चलें कि बीते 31 मार्च को हिंदपीढ़ी की एक मस्जिद में जमात में शामिल होने आयी मलयेशियाई मूल की एक महिला के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके बाद से जांच को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। जिस घर से महिला मिली थी, उसके आसपास के सभी घरों में रहने वालों के स्वास्थ्य की जांच के लिए जिला प्रशासन ने 100 हेल्थ कर्मचारियों की टीम बनायी। ये टीम गुरुवार को हिंदपीढ़ी क्षेत्र में लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने पहुंची, लेकिन स्थानीय लोगों ने भारी विरोध कर दिया। एक भी लोग जांच कराने के लिए तैयार नहीं हुए। मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी कुछ मानने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने साफ कह दिया कि हम लोग स्वास्थ्य की जांच नहीं करायेंगे। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों से फॉर्म भरवा कर वापस लौट गयी। हालांकि डेली मार्केट थाना में हुई बैठक के बाद स्क्रीनिंग पर सहमति बनी।
    घर-घर जांच करने जाना था सहियाओं को
    प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस का पहला पॉजिटिव केस सामने आया, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। बुधवार को आदेश दिया गया कि गुरुवार को हिंदपीढ़ी इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों की 100 टीमों को भेजकर पूरे इलाके के लोगों की जांच करायी जाये, ताकि इस जानलेवा विषाणु से पीड़ित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर क्वारेंटाइन किया जा सके और उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके। विरोध के बीच पुलिस और प्रशासन ने अंजुमन के लोगों से बातचीत की और इसके बाद सदर अस्पताल से आयी आंगनबाड़ी सेविकाओं को वापस भेज दिया गया।
    सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्थिति को संभाला
    अंजुमन के लोगों ने कहा कि प्रशासन गुरुनानक अस्पताल में लोगों की जांच की व्यवस्था करे। टीम के किसी भी सदस्य को क्षेत्र के लोगों के घर में जाकर जांच करने की इजाजत नहीं दी जायेगी। यदि गुरुनानक अस्पताल में कैंप लगा दिया जाये, तो लोग वहां जाकर अपनी जांच कराने के लिए तैयार हैं।
    तीन किमी तक के इलाके को करना है सेफ
    हिंदपीढी इलाके में ही मलेशियन मुस्लिम महिला छिपी हुई थी। उसे इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया है। कोरोना पॉजिटिव मरीज पाये जाने के बाद हिंदपीढ़ी और उससे सटे पूरे तीन किलोमीटर इलाके को सेफ करना है। इलाके की स्क्रीनिंग और सेनिटाइजिंग होनी है। कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने के बाद पूरे हिंदपीढ़ी को सील कर दिया गया है। क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके बावजूद लोगों ने मेडिकल टीम का विरोध किया।
    सहमति के बाद देर शाम से सर्वे शुरू
    रांची। हिंदपीढ़ी में सर्वे के काम के लिए डॉक्टरों की टीम गुरुवार की देर शाम निकली। प्रशासनिक अधिकारियों और अंजुमन इस्लामिया के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद डेली मार्केट थाना से मेडिकल की टीम हिंदपीढ़ी में सर्वे के लिए निकली। निर्णय के अनुसार डॉक्टरों को सर्वे में सहयोग करने के लिए प्रत्येक टीम के साथ मोहल्ले के चार लड़के शामिल रहेंगे, जो घर-घर जाकर डॉक्टरों को सहयोग करेंगे। गुरुवार की दोपहर विरोध के बाद सर्वे का काम बंद हो गया था।

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