आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस का असर लंबे समय तक रहने वाला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख डॉ माइकल रयान ने भी कह दिया है कि संभवत: यह वायरस कभी न जा/२। वहीं प्रधानमंत्री भी देश को संबोधित करते हुए कह चुके हैं कि लोगों को कोरोना के साथ ही जीना पड़ेगा। इन सब परिस्थितियों के मद्देनजर मोदी सरकार लॉकडाउन 4.0 के बाद अपने 75 मंत्रालयों और विभागों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ के परंपरा में ढालने जा रही है। शु्नॅआत में डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारी ई-ऑफिस योजना में शामिल होंगे। बाद में एचओडी अपने सेक्शन अफसरों को भी इसका हिस्सा बना सकते हैं। क्लासिफाइड फाइलें ई-ऑफिस से नहीं भेजी जायेंगी। नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) को ई-ऑफिस वर्किंग की नोडल एजेंसी बनाया गया है। डीओपीटी ने इस बाबत सभी मंत्रालयों और विभागों से 21 मई तक सुझाव मांगे हैं। अगर कोई मंत्रालय या विभाग इस तारीख तक कोई
सुझाव नहीं देता है, तो ई-ऑफिस के लिए उसकी स्वीकृति मानी जायेगी।
डीओपीटी के भेजे गये ड्राफ्ट में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अवधारणा अब महत्वपूर्ण बन गयी है। लॉकडाउन 1.0 से लेकर अभी तक विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों ने अपना 80 फीसदी काम ‘वर्क फ्रॉम होम’ के जरिये निपटाया है। अब इसे आगे भी जारी रखा जायेगा। एनआइसी ने ई-ऑफिस और वीडियो क्रांफ्रेंसिंग जैसा मजबूत प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभायी है। लॉकडाउन 4.0 के बाद भी यह व्यवस्था जारी रहे, इसके लिए अब जो ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, उसमें सुरक्षा का सबसे अधिक ध्यान रखा जायेगा। एनआइसी गृह मंत्रालय के साथ मिल कर सिक्योरिटी गाइडलाइन तैयार करेगा। लैपटॉप रोटेशन के आधार पर मुहैया कराया जायेगा। आइटी के दूसरे लॉजिस्टिक की जिम्मेदारी भी एनआइसी को सौंपी गयी है। डाटा कार्ड के लिए रिंबर्समेंट का प्रावधान किया जायेगा। ई-ऑफिस के दौरान सेंट्रल रजिस्ट्री यूनिट (सीआरयू) और फिजिकल डाक प्रणाली काम करती रहेगी। ई-ऑफिस के काम में देरी न हो, इसके लिए एसएमएस और ईमेल पर अलर्ट भेजेंगे। अहम फाइलें ई-ऑफिस के नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम में रहेंगी। विभिन्न मंत्रालयों के बीच अहम फाइलों का आदान-प्रदान पहले की भांति निर्बाध रूप से जारी रहेगा। ई-ऑफिस वीआइपी और संसद के कामकाज वाली फाइलों को किस तरह से भेजेंगे, इस पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। कौन सी फाइल किसके पास है, उसकी प्रगति रिपोर्ट क्या है, ये सब जानकारी अलर्ट में रहेगी। एनआइसी बेहतरीन वीडियो कांफ्रेंसिंग सर्विस मुहैया करायेगा। सभी मंत्रालय एनआइसी के सेंट्रल हेल्प डेस्क से जुड़े रहेंगे। ई-ऑफिस में कोई तकनीकी दिक्कत आने पर मंत्रालय और विभाग इस हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं। ई-ऑफिस के लिए उपलब्ध कराये गये लैपटॉप का इस्तेमाल किसी दूसरे कार्य के लिए नहीं होगा। वर्क फ्रॉम होम वाले सभी अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहेंगे। एक साल में किस अधिकारी को कितने दिन वर्क फ्रॉम होम करना होगा, यह तय किया जा रहा है। शुरूआती तौर पर यह समय दो सप्ताह का हो सकता है।