विजय देव
गढ़वा। गढ़वा जिला अंतर्गत रंका के सिंजो गांव निवासी हीरामन कोरवा 35 वर्ष ने 12 साल की कड़ी मेहनत से कोरवा भाषा की डिक्शनरी तैयार की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में हीरामन के कार्यों की सराहना की है। हीरामन द्वारा तैयार कोरवा भाषा की इस डिक्शनरी की खास बात है कि दैनिक जीवन में उपयोग किये जाने वाले कई शब्दों को इसमें शामिल किया है। कोरवा भाषा को संरक्षित और समृद्ध करने में मदद मिलने के उद्देश्य से हीरामन ने इस डिक्शनरी को तैयार किया है। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में गढ़वा के हीरामन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह देश के लिए एक अच्छा उदाहरण है। हीरामन ने कोरवा जनजाति के लिए जो कार्य किया, वह प्रशंसनीय है। हीरामन कोरवा ने आदिम जनजाति कोरवा भाषा के संरक्षण के उद्देश्य से कोरवा भाषा की डिक्शनरी तैयार की है।
12 साल में तैयार हुई डिक्शनरी
हीरामन ने 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद कोरवा डिक्शनरी को तैयार किया है। 50 पन्नों की इस डिक्शनरी में घर-गृहस्थी से जुड़े शब्द से लेकर, अनाज, सब्जी, फल, पशु-पक्षी, रंग, दिन, महीना, खाद्य पदार्थ सहित अन्य कोरवा भाषा के शब्द और उसके अर्थ को क्रमवार शामिल किया गया है।
पेशे से पारा टीचर हैं
पेशे से पारा टीचर हीरामन कोरवा को बचपन से ही कोरवा जनजाति के लिए कुछ करने की इच्छा थी। हीरामन ने बचपन से ही कोरवा भाषा को एक जगह लिखने की कोशिश शुरू की। आर्थिक तंगी होने के कारण हीरामन को कोरवा भाषा की डिक्शनरी को तैयार करने में करीब 12 साल लग गये।
आत्मनिर्भर भारत के लिए वर्ल्ड लेवल के प्रोडक्ट बनाना जरूरी
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर इस साल की आखिरी मन की बात की। मोदी ने कहा कि चार दिन बाद साल बीतने वाला है। इस साल कई चुनौतियां और संकट आये, लेकिन हमने नया सामर्थ्य पैदा किया है। आत्मनिर्भर भारत के लिए वर्ल्ड लेवल के प्रोडक्ट बनाना जरूरी है। मोदी ने मन की बात में नये साल के स्वागत, गुजरते साल की सीख, आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी उत्पाद, वन्यजीव, युवाओं की सोच और कश्मीर के केसर जैसे कई मुद्दों पर बात की।
किसानों ने थाली बजा कर विरोध किया
किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का विरोध थाली बजा कर किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि जैसे पीएम ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहे हैं, ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाये। उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। नया साल सबके लिए शुभ हो और अगर मोदी जी भी कानून वापस ले लें, तो हम किसान भाइयों के लिए भी नया साल शुभ हो जायेगा।
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