रांची। कोरोना का नया वैरिएंट तेजी से अपने पांव पसार रहा है। रांची रिम्स नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल में रह रही करीब 200 छत्राओं की जान सांसत में फंसी है। नर्सिंग की नौ छात्राओं की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है और बाकी छात्राओं को भी सर्दी खांसी और बदन दर्द की शिकायत है। बावजूद इसके छात्राओं को क्लीनिकल ड्यूटी के लिए रिम्स भेजा जा रहा है। रविवार को छात्राओं ने छात्र नेता कुमार रोशन को फोन करके अपनी जान बचाने की गुहार लगायी। कुमार रोशन ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, उपायुक्त रांची को ट्वीट कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। इतने बड़े मामले में रिम्स नर्सिंग की प्राचार्या संदेह के घेरे में नजर आ रही हैं। एक हॉस्टल में इतनी बड़ी संख्या में छात्राओं के कोरोना पीड़ित होने से इसके पूरे हॉस्टल की करीब 200 छात्राओं तक फैलने की जोखिम के बीच हॉस्टल में छुट्टी नहीं किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। छात्राओं की कक्षा बंद होने के बाद उन्हें क्लीनिकल के लिए प्रतिदिन रिम्स अस्पताल भेजा जाता है, जहां वे बहुत सारे सामान्य मरीजों के इलाज में अपना योगदान दे रही हैं। अब ऐसी छात्राएं प्रतिदिन अनगिनत लोगों के संपर्क में आती हैं तो इसके लिए किसकी जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए यह विचारणीय है ।
रिम्स नर्सिंग की नौ छात्राओं को कोरोना ,हॉस्टल में फंसी हैं 200 छात्राएं
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