Author: azad sipahi desk
पिछले साल मई में 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में झारखंड की जिस एक सीट की चर्चा देश भर में हुई, वह थी दुमका। यहां से भाजपा के युवा प्रत्याशी सुनील सोरेन ने झारखंड के सबसे वरिष्ठ और प्रतिष्ठित नेता शिबू सोरेन को हरा कर पहली बार लोकसभा में प्रवेश की पात्रता हासिल की थी। उन्हें ‘जाइंट किलर’ और ‘झारखंड का भावी नेता’ बताया गया था, लेकिन पिछले 17 महीने में सुनील सोरेन का एक सांसद के रूप में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक ही कहा जा सकता है। लोकसभा में उनकी आवाज महज दो बार सुनाई दी है और वह भी शून्यकाल में। इसके अलावा उन्होंने अब तक न कोई सवाल पूछा है और न ही किसी बहस में हिस्सा लिया है।
भारत के बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र तो है, लेकिन यहां कोई भी बड़ा काम बिना विवाद के पूरा नहीं होता। देश का कोई भी फैसला या कोई भी काम के साथ विवादों का चोली-दामन का साथ होता है। आजादी के बाद से लेकर अब तक ऐसा कोई काम देश में नहीं हुआ, जिसके पूरे होने के रास्ते में विवाद न उठा हो। ताजा मामला अयोध्या में राम मंदिर का है। 130 करोड़ भारतीयों की आस्था के प्रतीक बन चुके अयोध्या के इस मंदिर निर्माण के रास्ते की सभी बाधाएं तो दूर कर ली गयी हैं, लेकिन अब राजस्थान सरकार ने इसके लिए जरूरी लाल पत्थर के खनन पर रोक लगा दी है। इतना
कोरोना महामारी से तबाही की कगार पर पहुंच चुकी भारत की अर्थव्यवस्था से झारखंड भी अछूता नहीं है। आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण राज्य में विकास योजनाएं लंबे समय से ठप पड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अख्तियार किया है और अपने मंत्रियों के साथ इस पर मंथन किया है। यह एक सराहनीय पहल है और शीर्ष स्तर पर विकास यो
लोकतंत्र में हर नागरिक को अभिव्यक्ति की, अर्थात बोलने या लिखने की आजादी होती है। भारतीय संविधान में यह आजादी मौलिक अधिकार के रूप में दर्ज है, लेकिन इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि हर व्यक्ति अपने इस अधिकार का इस्तेमाल करते समय मर्यादा की सीमाओं का पालन करेगा। इसका सीधा मतलब यह होता है कि अभिव्यक्ति के समय ऐसा कोई काम नहीं करना चा
एक्ट्रेस कंगना रनौत की मुंबई ट्रिप पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. वो आज मुंबई पहुंच गई हैं. मुंबई आने से पहले एक्ट्रेस का कोरोना टेस्ट भी कराया गया, जो कि निगेटिव आया. इसके बाद कंगना बुधवार सुबह तकरीबन 7 बजे हिमाचल प्रदेश के मंडी से चंडीगढ़ के लिए निकलीं. चंडीगढ़ से कंगना मुंबई के लिए रवाना हो गईं. अब वह मुंबई पहुंच गई हैं .
: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ बीएमसी की कार्रवाई से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी सवाल उठाए हैं. एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि बीएमसी की कार्रवाई ने अनावश्यक रूप से (कंगना को) बोलने का अवसर दे दिया है. मुंबई में कई अन्य अवैध निर्माण हैं. यह देखने की जरूरत है कि अधिकारियों ने यह निर्णय क्यों लिया.
मुंबई को देश की वाणिज्यिक राजधानी के साथ-साथ सपनों का शहर भी कहा जाता है, क्योंकि यहां सपनों को पंख मिलते हैं और उन सपनों को कभी न सोनेवाला यह महानगर उड़ान का हौसला देता है। मुंबई की खासियत फिल्मी कहानियों, गीतों से लेकर उपन्यासों तक कई बार दुनिया के सामने रखी जाती रही है। यही कारण है कि 130 करोड़ लोगों का यह देश अपने इस महानगर पर गर्व करता है, उसके
कोरोना वायरस ने दुनिया भर को हिला कर रख दिया है। बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की जड़ें हिल चुकी हैं और आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण हर तरफ हाहाकार मचा है। ऐसे में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जानेवाला मीडिया उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। दुनिया की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाएं बंद हो चुकी हैं या उनमें छंटनी का दौर चल रहा है। भारतीय मीडिया का परिदृ्श्य भी कुछ इसी
महात्मा गांधी को भगवान माननेवाले झारखंड के टाना भगत पिछले तीन दिन से आंदोलन पर हैं। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लातेहार के चंदवा के पास रेलवे लाइन को जाम कर दिया है। अपने परिवारों के साथ सत्याग्रह कर रहे इन टाना भगतों ने प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दिये गये आश्वासन को मानने से इनकार कर दिया है और सीधे मुख्यमंत्री-राज्यपाल से लिखित आश्वासन मां
