Author: azad sipahi desk
गृह मंत्री बोले: पढ़ी-लिखी होने के बावजूद पीड़ित ने 100 नंबर पर फोन नहीं किया
कोल्हान को साधने पहुंचे रघुवर, बोले
झारखंड को लूटने के लिए बना ठगबंधन
चंदनकियारी में उमाकांत रजक को ही चंदन-तिलक लगायें
आजसू झारखंड आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा देगी
दुमका में नामांकन के बाद हेमंत सोरेन ने की कई घोषणाएं, भाजपा पर साधा निशाना
मुंबई। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी खबर है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिर कर 4.5 प्रतिशत पर आ गयी है। पिछली 26 तिमाहियों में यह भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे धीमी विकास दर है। एक साल पहले यह सात प्रतिशत थी, जबकि पिछली तिमाही में यह पांच प्रतिशत थी। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में आठ कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ -5.8 प्रतिशत रही है। पहले सात महीने में ही राजकोषीय घाटा लक्ष्य से पार : राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी बुरी खबर है। 2018-19 के पहले सात महीनों यानी अप्रैल से…
किसी के दबाव में न आकर और अपने दम पर 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर जहां आजसू ने अपनी ताकत दिखायी है, वहीं एकला चलो की राह पर चलते हुए झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने भी अपनी तथा अपनी पार्टी का दमखम साबित किया है। दरअसल सुदेश महतो हों या बाबूलाल मरांडी, इन दोनों ने राजनीति की शतरंज पर ऐसी चाल चली है कि भाजपा को न सिर्फ यह दोहराना पड़ा है कि चुनाव के बाद भी भाजपा आजसू के साथ रहेगी, बल्कि अमित शाह को बाबूलाल को साधने का प्रयास भी करना पड़ा है। भाजपा झारखंड में किसी भी कीमत पर दुबारा सरकार बनाना चाहती है और इस काम में उसे साझीदार की जरूरत महसूस होने लगी है। बीते चुनाव में भाजपा और आजसू के गठबंधन ने पार्टी का मजबूत सरकार बनाने और चलाने में मदद की थी। इस दफा भी भाजपा कुछ-कुछ ऐसा ही रिजल्ट चाहती है। भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष अमित शाह के बयान के निहितार्थ और झारखंड में झाविमो तथा आजसू की बढ़ती ताकत को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।