Author: azad sipahi desk

नई दिल्ली : आईसीसी ने दुनिया भर के क्रिकेट बोर्ड के सामने यह मसौदा पेश किया है कि सभी बोर्ड अपने घरेलू टूर्नमेंट के आयोजन के लिए भी आईसीसी से मंजूरी लें। इसमें आईपीएल, बिग बैश जैसी टी20 क्रिकेट लीग भी शामिल हैं, जिनमें इंटरनैशनल खिलाड़ी भी खेलते हैं। इन लीग के अलावा घरेलू सर्किट के टूर्नमेंट्स जैसे रणजी ट्रोफी, दलीप ट्रोफी, शेफील्ड शील्ड, वनडे कप, काउंटी क्रिकेट जैसे घरेलू टूर्नमेंट्स भी शामिल हैं। बीसीसीआई ने आईसीसी के इस नए मसौदे का विरोध किया है। बीसीसीआई कतई यह नहीं चाहता है कि उसे अपने घरेलू टूर्नमेंट्स, जिनमें आईपीएल जैसा अहम…

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न्यू यॉर्क : अमेरिका का जेफरी ऐप्स्टेन नाम का एक अरबपति न्यू यॉर्क की जेल में मृत पाया गया है। पुलिसकर्मियों ने इसमें आत्महत्या की आशंका जताई है। ऐप्स्टेन सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोप में जेल में बंद था। सूत्रों का कहना है कि मौत से पहले ऐप्स्टेन को सूइसाइड वॉच पर भी नहीं रखा गया था। दो कानून प्रवर्तन ने बताया कि 66 वर्षीय ऐप्स्टेन ने खुद को फांसी लगा ली। मैनहैटन के मेट्रोपोलिटन करेक्शनल सेंटर (एमसीसी) में सुबह करीब 6:30 (स्थानीय समय) उन्हें जमीन पर गिरा हुआ पाया गया। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने…

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कराची : आतंकवाद को भारत और अफगानिस्तान जैसे देशों के खिलाफ स्टेट पॉलिसी की तरह इस्तेमाल करते आ रहे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही बेहद खस्ताहाल है। ऊपर से उस पर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। FATF की तरफ से ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने के लिए इस्लामाबाद अब पेइचिंग की शरण में है। इसके अलावा, वह मलयेशिया और तुर्की से भी मदद की आस लगाए हुए है। FATF अक्टूबर में पाकिस्तान की समीक्षा करेगा। उसने इस्लामाबाद को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए 27 कदम उठाने को कहा था लेकिन पाकिस्तान ने…

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पिछले साढ़े चार साल से दिन-रात झारखंड के विकास की राह तैयार करने में जुटे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जब राज्य में कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा की थी, तब उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि यह झारखंड के लिए कितना क्रांतिकारी कदम साबित होगा। शुरुआत में तो इस घोषणा का मजाक उड़ाया जाता था कि इसे कैसे लागू किया जायेगा, 35 लाख किसानों के खातों को एक साथ कैसे लाया जायेगा, इसमें होनेवाले भ्रष्टाचार पर काबू कैसे पाया जायेगा और इससे लाभ क्या होगा। लेकिन ये बातें वैसे ‘विघ्नसंतोषी’ लोग ही कर रहे थे, जिन्हें न खुद पर भरोसा था और न ही उपलब्ध संसाधनों का। 10 अगस्त को यह योजना सफलतापूर्वक लागू हो गयी और राज्य के किसानों के खातों में पैसा भी पहुंच गया। यह केवल रकम नहीं है, बल्कि किसानों का मजबूत संबल है। यह रकम झारखंड के किसानों की दशा-दिशा बदल सकती है और उनके लिए आपातकालीन राहत हो सकती है। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना लागू करनेवाला झारखंड पहला राज्य है। इसका असली असर तो बाद में नजर आयेगा, लेकिन राजनीतिक तौर पर यह रघुवर दास का मास्टर स्ट्रोक है और प्रशासनिक तौर पर यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय प्रयास। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तमाम पहलुओं को समेटती आजाद सिपाही टीम की खास रिपोर्ट।

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