खबर विशेष में हम बात कर रहे हैं झारखंड में विपक्ष की राजनीति में उपजे ताजा हालात की। हालात ये है कि एक ओर कांग्रेस ने 40 सीटों की मांग करते हुए झाविमो और राजद के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ दिया है। वहीं, अब वामपंथियों ने भी कांग्रेस के बॉयकाट की घोषणा करते हुए झामुमो से हाथ मिलाने की बात कही है। इससे झारखंड में विपक्ष का पूरा गणित ही बदलने लगा है। महागठबंधन की गांठें बिखरती नजर आ रही हैं। ऐसे में झामुमो ने अपने सारे विकल्पों पर गौर करना शरू कर दिया है। पार्टी के थिंक टैंक यह गुणा भाग करने में जुट गये हैं कि कांग्रेस का साथ उनके लिए बेहतर होगा या वामपंथी और अन्य दलों का। इतना ही नहीं, झामुमो ने एकला चलो की राह का विकल्प भी खुला रख छोड़ा है, पर अभी इसके नफा-नुकसान का आकलन बाकी है। पेश है दीपेश कुमार की रिपोर्ट।
Author: azad sipahi desk
नई दिल्ली/मुंबई : इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इसके तहत देशभर के 3 लाख से अधिक डॉक्टर अस्पतालों की ओपीडी में सेवाएं नहीं देंगे। असोसिएशन का यह विरोध नैशनल मेडिकल काउंसिल बिल 2019 को लेकर है। डॉक्टरों का कहना है कि यह बिल मेडिकल क्षेत्र के लिए उचित नहीं है और इससे कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल सरकार को बिल की खामियों के बारे में बताने के लिए है। आईएमए के नैशनल अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा कि इससे सिर्फ नीम-हकीमी को वैधता मिलेगी और लोगों की…
मंगलुरु : सोमवार से लापता Cafe Coffee Day (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव होयगे बाजार के नजदीक मुलिहितलु द्वीप के पास से मिला है। हालांकि पुलिस का कहना है कि शव की परिजनों से पहचान होनी बाकी है। बता दें कि सीसीडी के फाउंडर सिद्धार्थ सोमवार से लापता थे और उनके आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही थी। सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व सीएम एस एम कृष्णा के दामाद थे। राज्य सरकार उनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चला रही थी। लापता होने के पहले सिद्धार्थ ने अपने आखिरी खत में कई समस्याओं का जिक्र…
London: लंदन पूरे इंग्लैण्ड में भारतीय मूल के बच्चे अपने साथ पढ़ने वाले अंग्रेज बच्चों से पढ़ाई में बहुत आगे रहते हैं। मंगलवार को यहां जारी हुई नए शोध की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई हैं। एजुकेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट (ईपीआई) थिंक टैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट 2019 में कहा है कि भारतीय और चीनी मूल के लोगों के यहां पढ़ने वाले बच्चे, अपने समकक्ष ब्रिटिश बच्चों से विभिन्न स्तरों पर आगे रहते हैं। ईपीआई ने कहा कि प्राइमरी स्कूल के अंत तक चीनी बच्चे, श्वेत ब्रिटिश बच्चों से करीब 12 महीने आगे रहते हैं और भारतीय बच्चे उनसे सात…