दुमका उपचुनाव में झामुमो के अधिकृत उम्मीदवार पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष बसंत सोरेन होंगे। दुमका में पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रबुद्ध जनता की इच्छा थी कि यह सीट गुरुजी के पास सुरक्षित रहे। कार्यकर्ताओं और जनता की इच्छा के अनुरूप इस सीट पर बसंत सोरेन उम्मीदवार होंगे। गुरुवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में ये बातें पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं।
Author: azad sipahi desk
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर पहले दिल्ली में और फिर गुरुवार को पटना में मंथन का दौर चला। भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव पटना में हैं। गुरुवार की सुबह पटना बीजेपी की हाई लेवल बैठक के बाद दूसरी बैठक भी हुई। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव जदयू अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले। इस मुलाकात के दौरान एनडीए की अहम बैठक हुई, जिसमें सीट शेयरिंग पर मंथन किया गया। उधर, दिल्ली में
जिले के ठाकुरगंगटी गांव से बिना मास्क के बेटी का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे युवक की पुलिस ने बर्बर तरीके से पिटाई कर दी। मामले का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, उसे लाइन हाजिर किया गया है। उधर, वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने
पिछले साल जब झारखंड में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी थी, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। चुनाव हुए और झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को सत्ता मिल गयी। दिसंबर में सरकार बनाने के महज तीन महीने बाद ही कोरोना का संकट पैदा हो गया और पूरे देश का पहिया थम गया। इस संकट के बीच अब हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के आठ लाख किसानों का 25 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी है, जिसे किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, साथ ही एक वर्ग इसे एक बड़े राजनीतिक दांव के रूप में देख रहा है। सत्ता संभालने के बाद से ही हेमंत सोरेन लगातार राज्य की बदहाल अर्थव्यवस्था की बात कहते रहे हैं। इसी बदहाली के कारण उन्हें कई लोकप्रिय योजनाओं को बंद करने का कठोर फैसला लेना पड़ा, जिसमें से एक मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना भी थी। अब उन्होंने कि
छह दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस केस में बुधवार को सीबीआइ कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ कोई निश्चयात्मक सुबूत नहीं पेश कर सकी। विध्वंस के पीछे कोई साजिश नहीं रची गयी और लोगों का आक्रोश स्वत: स्फूर्त था। इस मामले के मुख्य आरोपितों में एक स्व. अशोक सिंहल को कोर्ट ने यह कहते हुए क्लीन चिट दे दी कि वह तो खुद कारसेवकों को विध्वंस से रोक रहे थे, क्योंकि वहां भगवान की मूर्तियां रखी हुई थीं।
झारखंड में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को गति देने और बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों राज्यों की सीमा पर विधि-व्यवस्था को दुरुस्त रखने सहित सुरक्षा-शांति व्यवस्था का जायजा लेने केंद्र से तीन बड़े अधिकारी बुधवार को रांची पहुंचे। इन अधिकारियों में केंद्र में विशेष सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार, सीआरपीएफ के डीजी आनंद प्रकाश माहेश्वरी और सीआरपीएफ के विशेष डी
कोरोना के बीच अनलॉक-5 की गाइडलाइंस बुधवार को जारी कर दी गयी। त्योहारों के सीजन को देखते हुए सरकार ने अनलॉक-5 में छूट बढ़ा दी है। केंद्र ने 15 अक्टूबर से सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खोलने की मंजूरी दे दी है। खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए स्वीमिंग पूल भी खोले जा सकेंगे। एंटरटेनमेंट पार्क को खोलने की मंजूरी भी सरकार ने दी है। स्कूल्स, कोचिंग सेंटर और मंदिरों को चरणबद्ध तरीके से खोलने को लेकर राज्य सरकारें 15 अक्टूबर के बाद फैसला ले सकती हैं।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची के चान्हो के अतिरिक्त चाईबासा, सरायकेला, साहेबगंज में भी बच्चियों को नर्सिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जल्द वहां की भी हुनरमंद बच्चियां आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगी। आने वाले समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड की बच्चियां अलग पहचान बनायेंगी। यह हमारा विश्वास है। सीएम बुधवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं
बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी से झारखंड भी अछूता नहीं है। बिहार के 10 जिलों की सीमाएं झारखंड से सटी हैं और यहां की लगभग पांच दर्जन सीटों पर प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर पर चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने में झारखंड के प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता-नेताओं की
स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे संवेदनशील मामला, यानी अयोध्या से जुड़ा अंतिम विवाद भी 30 सितंबर को खत्म हो गया। अदालत ने 28 साल पहले छह दिसंबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले के सभी 32 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि ढांचा गिराये जाने से पहले कोई साजिश नहीं रची गयी थी। अदालत ने इसे एक स्वत: स्फूर्त घटना करार देकर श्रीराम जन्मभूमि
हाथरस की दलित बिटिया के साथ जो हुआ उससे ज्यादा भयानक, खौफनाक और हैवानियत भरा कुछ नहीं हो सकता. इस बेहद मुश्किल घड़ी में जरूरत थी परिवारवालों के कभी ना भरने वाले जख्म पर मरहम लगाने की, लेकिन यूपी पुलिस ने ऐसा बर्ताव कर दिया जो अपार पीड़ा झेल रहे घरवालों के जख्मों पर नमक लगा गया. पुलिस ने अपनी मर्जी से हैवानियत की शिकार लड़की