Author: azad sipahi desk

मो इरफान चंदवा। नक्सलियों ने चुनाव से ठीक पहले बड़ी घटना को अंजाम दिया। शुक्रवार देर शाम चंदवा थाना से महज दो किलोमीटर दूर लुकुइया मोड़ पर नक्सलियों ने पुलिस टीम पर हमला किया, जिसमें एक दारोगा और होमगार्ड के तीन जवान शहीद हो गये। दारोगा समेत तीन घटनास्थल पर ही शहीद हुए, जबकि बुरी तरह घायल जवान की बाद में मौत हुई। शहीदों में एसआइ सुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, जवान सिकंदर सिंह और शंभू प्रसाद है। एक अन्य जवान दिनेश राम ने किसी तरह अपनी जान बचायी। जानकारी के अनुसार बगल के एक गांव के लोगों ने शाम…

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चंदवा। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को लातेहार के चंदवा में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने रघुवर दास सरकार की उपलब्धियां गिनायीं और राज्य के चौतरफा विकास के लिए भाजपा को चुनने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज किसान आत्मसम्मान के साथ जी रहे हैं, कर्ज के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैला रहे हैं। गरीबों को आज आवास, स्वास्थ्य और अनाज मिल रहा है। झारखंड की स्थायी सरकार ने पिछले पांच साल में कई मजबूत निर्णय लिये हंै। बेटी बचाओ कार्यक्रम के तहत बेटी के पैदा होने से…

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जरूरतें व्यक्ति को बदल देती हैं और प्लेटफॉर्म यदि राजनीति का हो, तो यहां कुछ भी असंभव नहीं है। यह झारखंड की राजनीति में बदलते समीकरणों का ही कमाल है कि यहां दो धुर विरोधी दल बदलने के बाद राजनीति का अपना तेवर और सुर दोनों बदल चुके हैं। ये सभी नयी भूमिका में नजर आ रहे हैं। बरही विधायक मनोज यादव जब तक कांग्रेस में थे, तो पानी पी-पीकर भाजपा की नीतियों को कोसते थे, आज वह उसी भाजपा के टिकट पर चुनाव के मैदान में हैं और कांग्रेस को कोस रहे हैं। वहीं भाजपा के उमाशंकर यादव अब कांग्रेस में हैं, तो उनके सुर बदल गये हैं। कभी खांटी कांग्रेसी रहे सुखदेव भगत अब भाजपा में आने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव से दो-दो हाथ करने के साथ नीरू शांति भगत के खिलाफ भी ताल ठोक रहे हैं। वहीं पाकुड़ के अकील अख्तर, जो जब तक झामुमो में रहे, तब तक कट्टर भाजपा विरोधी रहे, लेकिन अब आजसू में आने के बाद और पार्टी का प्रत्याशी बनाये जाने के बाद उनकी भाषा पूरी तरह बदल चुकी है। चुनाव के मैदान में आमने-सामने होने के बाद नीरा यादव और शालिनी गुप्ता भी बदले और आक्रामक तेवर के साथ एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रही हैं। झारखंड की राजनीति में दलबदल करके आये नेताओं और दलों का रवैया यह दर्शाता है कि यहां न तो कोई दुश्मन होता है और न कोई दोस्त। यह जरुरतें होती हैं जो विभिन्न दलों को एक-दूसरे का दोस्त बनने या फिर दुश्मन का लाबादा ओढ़े रहने पर विवश करती हैं। झारखंड की राजनीति में पाला बदलने के बाद नेताओं के बदले बोल और उसके कारणों की पड़ताल करती दयानंद राय की रिपोर्ट।

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महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी में बनी सहमति, आज हो सकता है ऐलान

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नई दिल्ली: UP सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ होने के बाद इससे जुड़ी अन्य परियोजनाओं पर ओवरटाइम कर रही है, ताकि 2023 में मंदिर बनने से पहले इन्हें पूरा किया जा सके। इसमें प्रतीकात्मक राम सेतु के साथ 100 एकड़ का एक थीम पार्क बन रहा है, जो दर्शनार्थियों को मानव निर्मित झील के सहारे ‘शबरी गार्डन’ से ‘अशोक वाटिका’ तक ले जाएगा। भगवान राम की जिंदगी पर अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय लोकार्पण के लिए तैयार है। एयरपोर्ट और भगवान राम की प्रतिमा बनाने का तेजी से पूरा करने के लिए 640 करोड़ दिए जा चुके हैं। इसके…

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