श्रीराम जन्मभूमि के ठीक पीछे स्थित कुबेर टीला से छेड़छाड़ किये बगैर भव्य राम मंदिर बनेगा। इसे लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और प्रशासन ने रणनीति बना ली है। इसी के साथ कुबेर टीला को संरक्षित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर के दक्षिणी-पश्चिम किनारे पर स्थित कुबेर टीला भारतीय पुरातत्व
Author: azad sipahi desk
अयोध्या। 84 हजार छह सौ वर्गफुट का विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अब तक बने नागर शैली के मंदिरों में सबसे अलौकिक होगा। एक शिखर और पांच विशाल मंडपों के गुंबद से सुशोभित तीन तल का यह दिव्य मंदिर विश्व भर में अनूठा होगा। शिखर से लेकर अधिष्ठान तक 17 हिस्सों की डिजाइन के साथ हर एक हिस्से के आकार के पिंक स्टोन की माप और लागत तय हो गयी है। अहमदाबाद निवासी मुख्य शिल्पी चंद्रकात सोमपुरा और उनके दोनों पुत्र निखिल
एक नाम धरा पर ऐसा है, जिससे अनगिनत भाव जुड़े हैं। राम, जो सर्वव्यापी है, जो अविनाशी है, जो त्याग की पराकाष्ठा है, जो मानव भेष में महामानव और भगवान है, जो सत्य है, जो धर्म है, जो विजय है, जो अनंत है, जो अविनाशी है, जो भ्रातृत्व है, जो मित्रता है, जो सर्वप्रि
करोड़ों हिंदुओं की आस्था का मंदिर अब बनने जा रहा है। पांच अगस्त 2020 वह ऐतिहासिक दिन होगा, जिस दिन प्रधानमंत्री राम मंदिर का शिलान्यास कर करोड़ों हिंदुओं को उनके प्रिय भगवान राम के मंदिर की सौगात देंगे। राम मंदिर बनना किसी बड़े सपने से कम नहीं है, क्योंकि इसे बनाने में पिछले सैकड़ों सालों का इतिहास है। सैकड़ों साल से संघर्ष की लड़ाई, आंदोलनों की वीरता और लोगों के संयम का फल है कि राम मंदिर बनने का सपना आ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन किया. इसके बाद पीएम मोदी सभा को संबोधित कर रहे हैं. खास बात यह है कि अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने जयश्रीराम से नहीं, बल्कि जय सियाराम का नारा लगाकर की. उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया.