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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अन्य राज्यों में फंसे हर एक झारखंडी को घर वापस लाने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है। राज्य वापस आने को इच्छुक 6.85 लाख झारखंडियों को क्रमबद्ध तरीके से राज्य सरकार रेलवे एवं केंद्र सरकार से सामंजस्य स्थापित कर जल्द से जल्द लाने का प्रयास कर रही है।

कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे 130 करोड़ लोगों के इस देश के करीब 25 लाख लोग भूखे पेट और नंगे पैर इस चिलचिलाती धूप में सड़कों पर हैं और घर वापस जाने के लिए जद्दोजहद में जुटे हैं। ये वे लोग हैं, जिनकी बदौलत देश की अर्थव्यवस्था के पहिये को ताकत मिलती है, यानी मजदूर। ये लोग कोरोना महामारी के साथ-साथ भूख और बेकारी से बचने के लिए अपने देस लौटने के लिए अपनी जान की परवाह किये बगैर निकल पड़े हैं और अंजाने में मौत के मुंह में समा रहे हैं।

आजाद सिपाही संवाददाता रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर राज्य में…

आजाद सिपाही संवाददाता रांची। पूरे देश में मजदूरों पर विपत्ति टूट पड़ी है। वापस अपने गांव लौटने और मदद के…

आजाद सिपाही संवाददाता रांची। राज्य के मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह ने कोरोना से बचाव को लेकर झारखंड में लौटने वाले…

जमशेदपुर में एक सौतेले पिता ने मानवतो को शर्मसार करने वाली एक घटना को अंजाम दिया है. जमशेदपुर के उलीडीह…

पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेटर बम भेजा है। इसके जरिए उन्होंने रघुवर सरकार में कुछ टॉप के लोगों के निर्देश पर हुई फोन टेपिंग और जासूसी की एसआइटी जांच कराने की मांग की है। राय ने मुख्यमंत्री को पूर्व डीजीपी को लिखे पत्र की भी याद दिलायी है। कहा है कि रघुवर सरकार में कुछ मनबढ़ू अधिकारियों ने जो कुकृत्य किये इससे पुलिस का चेहरा मलिन हुआ।