झारखंड की आर्थिक स्थिति पर एक बार फिर सियासत गरम हो गयी है। भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने वर्तमान सरकार पर राज्य को बदहाली के कगार पर ले जाने का आरोप लगाया है, तो सत्ताधारी झामुमो की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आंकड़े देते हुए भाजपा को आइना दिखाया है। इस आरोप-प्रत्यारोप से झारखंड को कोई लाभ नहीं होगा। यह सच है कि झारखंड की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पिछले दो महीने में हालांकि राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन इसके संतोषजनक स्तर
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झारखंड में बोर्ड-निगम के अध्यक्ष का पद हमेशा से चर्चा के केंद्र में रहा है, क्योंकि इन पदों पर सांसद-विधायक का टिकट पाने से चूक गये सत्ताधारी दल के वरीय नेताओं और मंत्री नहीं बन सके विधायकों को एडजस्ट किये जाने की परंपरा रही है। छोटा राज्य होने के कारण झारखंड की विधानसभा भी छोटी है, इसीलिए यहां विधान परिषद भी नहीं है। इस कारण यहां की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। इसलिए बाकी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड-निगम
झारखंड यूं तो खनिज, खनन से जुड़े कार्यों के लिए जाना जाता है, लेकिन झारखंड को टूरिज्म के क्षेत्र में भी पहचान मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। झारखंड में टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित सभागार में आइटीडीसी और जेटीडीसी के बीच होटल अशोका के स्वामित्व को लेकर हुए एमओयू के दौरान कहीं।
नक्सली प्रशांत बोस और मिसिर बेसरा पर पहले से घोषित एक करोड़ के इनाम की राशि बनी रहेगी। इनके बारे में जो भी सूचना देगा, उसे यह राशि दी जायेगी। इसके अलावा असीम मंडल उर्फ आकाश, अनल दा उर्फ पतिराम मरांडी पर पहले से घोषित एक-एक करोड़ की राशि को घटा कर 25-25 लाख कर दिया गया है। गृह विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा विदेश से पढ़कर आये हैं इसलिए हमें लगता था कि वे ज्यादा बेहतर जानते और समझते होंगे। पर जो बयान उन्होंने दिया उससे हताशा हुई। बीते दस महीनों से जो भ्रम भाजपा फैला रही है उसमें जयंत सिन्हा ने आहूति दी है।
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा है कि राज्य सरकार ने राज्य का खजाना खाली किया है। गठबंधन सरकार के 2020-21 के खराब बजट से कैपेक्स 29.8 प्रतिशत घटा और राजस्व व्यय 10.6 प्रतिशत बढ़ा। इससे उधारी में 8.3 फीसदी की कमी आयी। पर उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय जहां स्वास्थ्य सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना चाहिए, सरकार उसके विपरीत कैपेक्स को कम कर चल रही परियोजनाओं को भी लंबित छोड़ रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर फिर निशाना साधा है, हालांकि इस बार उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है। उन्होंने राज्य की जनता से त्योहारों पर राजनीति करनेवालों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह महामारी राजनीति का विषय नहीं है, पर कुछ लोगों के लिए समाज को जात-पात/ धर्म और आस्था ने नाम पर तोड़ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति ही सर्वोपरि है और वे इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
आइएमए के सचिव शंभू सिंह से पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के नाम पर 20 लाख की रंगदारी मांगी गयी है। शंभू सिंह को भगत के नाम से पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि आपको संगठन की ओर से पत्र भेजा जा रहा है। 24 घंटे के अंदर संपर्क करें, अन्यथा अंजाम आपके सामने होगा। आइएमए सचिव ने इस बाबत पुलिस को सूचना दी है। बता दें कि कोरोना काल में भी ठेकेदारों और कारोबारियों से रंगदारी मांगे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़कागांव में कोयला खनन कार्य में लगे एनटीपीसी से जमीन के मुआवजे और ग्रामीणों के घरों की शिफ्टिंग पर सहमति बनी है। साथ ही कई अन्य विषयों पर विचार होना शेष है। कमेटी तमाम मसलों पर गहन चिंतन कर रही है। ग्रामीणों की भी कुछ समस्याएं हैं। समय-समय पर स्थानीय विधायक अंबा प्रसाद ने भी समस्याओं
छठ महापर्व श्रद्धा और आस्था के साथ पवित्रता का भी महापर्व है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसी के अनुरूप छठ पर राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संवेदनशील इंसान हैं। राज्यवासियों की आकांक्षा और संवेदना को देखते हुए उन्होंने छठ की गाइडलाइन में बद
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद जब भाजपा ने एनडीए का सबसे बड़ा घटक दल होने के बावजूद नीतीश कुमार को सीएम बनाया, तो इसे राजनीति की नयी परिपाटी की संज्ञा दी गयी। माना गया कि भाजपा ने गठबंधन धर्म का पालन किया है और चुनाव से पहले किये गये वादे के अनुरूप नीतीश को सीएम के पद पर बैठाया है। लेकिन दरअसल खेल इतना भर
