ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 47 साल बाद एशेज सीरीज ड्रॉ
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आरआर कॉलोनी में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में सीएम
जमीन मालिक को धमकी, लिख दो-जमीन से कोई लेना-देना नहीं
एसएसपी से की गयी पंडरा थाना पुलिस की शिकायत
रांची। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को लीगल नोटिस भेजा है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साहेबगंज में…
ल्लकरम अखरा और 50 हजार की भीड़, यह सुदेश ही कर सकते हैं
रांची. स्वभाषा के माध्यम से भारत विश्वगुरु बन सकता है। स्वभाषा विकास का परिचायक है। यह भारत के स्वाभिमानी भारत…
लोकसभा चुनाव में अपने गढ़ संथाल में शिबू सोरेन को पराजय का सामना करना पड़ा और उसके बाद से झारखंड की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा में शिबू युग का अवसान हो गया। स्वाभाविक तौर पर शिबू राजनीति के केंद्र में नहीं रहे। इसका सबसे बड़ा असर यह हुआ है कि झामुमो अपना तेवर तेजी से खो रहा है। अब इस पार्टी में वह बात नहीं रही, जो आज से पांच साल पहले हुआ करती थी। अब झामुमो के प्रति न लोगों में उतना मोह रहा और न ही नेताओं-कार्यकर्ताओं के मन में सम्मान। आखिर ऐसा क्या हुआ कि झामुमो आज एक ऐसे दोराहे पर खड़ा हो गया है, जहां से उसे अपने सुनहरे भविष्य का रास्ता चुनने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। झामुमो के सामने अपने आकर्षण और दबदबे को बनाये रखने की चुनौती है। इस लिहाज से झारखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए इस साल के अंत तक होनेवाला चुनाव झामुमो और इसके नेता हेमंत सोरेन के लिए ‘करो या मरो’ जैसा है। आखिर झामुमो की यह हालत क्यों हुई। इसका जिम्मेदार कौन है, इसे रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
कोडरमा. थाना क्षेत्र अंतर्गत चेहाल पंचायत के पपराओ में एक विवाहिता ने ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर केराेसिन तेल…
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए शनिवार को दूसरी बार…
धनबाद. पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में जेल में बंद झरिया विधायक संजीव सिंह को शुक्रवार की…
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा (30) के…