रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि विशेष फसल योजना को सफल बनाने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग फसलों की खेती के लिए वातावरण के अनुकूल योजना तैयार की जाये। मूंगफली, राजमा, तिल आदि की खेती के लिए कलस्टर वार योजना बनायें तथा सुनिश्चित करें कि सभी प्रखंडों में 50-50 हेक्टयेर के कलस्टर की कार्ययोजना बने, ताकि अगले वित्त वर्ष में खेती का कार्य समय पर प्रारंभ किया जा सके। सीएस गुरुवार को कृषि विभाग के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रही थीं।
सीएस ने विशेष फसल के विस्तार के लिए डाटा तैयार करने की बात कही। कहा कि भविष्य में कितनी पैदावार बढ़ायी जा सकती है, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजें। सीएस ने कहा कि मुद्रा योजना के साथ उनकी टैगिंग सुनिश्चित की जाये। विभाग द्वारा बताया गया कि अब तक आर्या के 400 युवकों को खाद की अनुज्ञप्ति दी जा चुकी है तथा मुद्रा योजना के साथ टैग करने की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य पहली बार बीज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में कदम आगे बढ़ा रहा है। पहली बार राज्य में 3 लाख क्विंटल बीजों का उत्पादन हुआ है, जो पिछले वर्ष (1 लाख क्विटंल बीज) उत्पादन से तीन गुना ज्यादा है। बीज अधिप्राप्ति का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाये। बंजर भूमि को उपजाउ बनाने को लेकर भी निर्देश दिया गया। राज्य में बागवानी को बढ़ावा देने की बात कही। कहा कि राज्य भर में 5000 बागवान मित्र का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाये। बैठक में कृषि विभाग के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, विशेष सचिव पूजा सिंघल, निदेशक राष्ट्रीय बागवानी मिशन राजीव कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
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