नयी दिल्ली। राम मंदिर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के जवाब में विश्व हिंदू परिषद ने चेतावनी दी है कि हिंदू जनमानस सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इंतजार नहीं कर सकता। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को यहां मीडिया से कहा कि हिंदू समाज अनंत काल तक कोर्ट के एक फैसले का इंतजार नहीं कर सकता।
राम मंदिर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ सामने आने के बाद विहिप का नजरिया भी इसके साथ ही स्पष्ट हो गया। विहिप ने पीएम मोदी की बातों के विपरीत कहा कि सरकार को कोर्ट की कार्यवाही पूरी होने से पहले कानून लाकर मंदिर बनाना चाहिए। आलोक कुमार ने कहा कि कोर्ट का इंतजार काफी लंबा हो जायेगा और हिंदू अनंत काल तक ऐसे नहीं रह सकते।
इससे पहले पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा था कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने से पहले राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं लाया जायेगा। पीएम के बयान का जिक्र करते हुए आलोक ने कहा कि न्यायिक प्रकिया के पूरा होने से पहले कानून लाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विहिप चाहती है कि इस सरकार के कार्यकाल में ही मंदिर पर फैसला हो और वह इसके लिए पीएम मोदी से संसद में कानून लाने का आग्रह करते रहेंगे।
‘संत तय करेंगे आगे क्या करना है’
विहिप की आगे की रणनीति पर बात करते हुए आलोक ने कहा कि अब कुंभ में राम मंदिर पर फैसला लिया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘प्रयागराज में लगनेवाले कुंभ मेले में 31 जनवरी को धर्म संसद होगी, जिसमें मौजूद संत आगे क्या किया जाये, इस पर फैसला लेंगे।’ आलोक ने यह भी बताया कि संत जैसा मार्गदर्शन करेंगे, विहिप वैसा कदम उठाने को प्रतिबद्ध है। आलोक कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही धीमी सुनवाई का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा बीते 69 सालों से फंसा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में अब तक जजों की बेंच भी नहीं बनी है, जहां मामले की सुनवाई होनी है। आलोक कुमार ने कहा कि मंदिर की लड़ाई को हिंदू समाज लंबे समय से लड़ रहा है, यह लोकतंत्र की लड़ाई है। संत समाज और जनता हमारे साथ है। हम मंदिर के लिए और इंतजार नहीं कर सकते और सरकार जल्द से जल्द इस पर कानून बनाये। मंदिर मुद्दे पर कपिल सिब्बल पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और मामला लटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंदिर मुद्दे पर सभी सांसदों से मुलाकात हो रही है। अभी वाराणसी के सांसद (प्रधानमंत्री मोदी) से मुलाकात नहीं हो पायी है।