धनबाद। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार मजबूत और चौड़ी सड़के बनवा रही है। सरकार की सोच है कि अच्छी सड़कों के निर्माण से पिछड़े क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी। इसे नक्सली पचा नहीं पा रहे हैं। वे सड़कों के निर्माण के साथ ही विध्वंस की बीज बो रहे हैं। इसका खुलासा धनबाद जिले के घोर नक्सल प्रभावित इलाके में हुआ है। धनबाद और गिरिडीह को जोड़े वाली पश्चिमी टुंडी के पलमा- हरलाडीह पथ निर्माण के दौरान जमीन के अंदर नक्सलियों ने विस्फोटक तार बिछा दी थी। इस खुलासे के बाद पुलिस-प्रशासन में खलबली मच गयी। पुलिस के अलावे सीआरपीएफ के सैकड़ों जवान दूसरी सड़कों के नीचे विस्फोटक तार की खोज में अभियान छेड़ दिया है।
यह है मामला :
इन दिनों पश्चिमी टुंडी एवं गिरिडीह जिले के हरलाडीह के बीच सड़क का निर्माण कार्य पुलिस साये में चल रहा है। हाल के दिनों में सड़क निर्माण के दौरान नक्सलियों द्वारा लेवी को लेकर मनियाडीह थाना से महज कुछ दूरी हरलाडीह एवं गिरिडीह इलाके में कई वाहनों को जला दिया गया था। उसके बाद से इस सड़क का निर्माण कार्य पुलिस संरक्षण में चल रहा है। इस दौरान रविवार को किसी मजदूर को सड़क में विस्फोटक तार दबा नजर आया। इसकी खबर मिलते ही मनियाडीह थाना, तिलैया पुलिस कैंप तथा हरलाडीह- गिरिडीह पुलिस में खलबली मच गयी। कुछ देर के लिए सड़क निर्माण काम रोक दिया गया।
इस दौरान आनन-फानन में सीआरपीएफ जवान, डाग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता को बुलाकर विस्फोटक की खोज की गयी। इस दौरान मनियाडीह पुलिस निरीक्षक किशोर तिर्की, मनियाडीह थाना प्रभारी संजय नाथ साह सहित सीआरपीएफ के अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। हालांकि इलाके से विस्फोटक नहीं मिला। सिर्फ 70 मीटर तार ही मिल पाया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि विस्फोटक तार मिलने से नक्सलियों की बड़ी योजना विफल हो गयी है। सड़क निर्माण के दौरान बिछाये गये तार के माध्यम से नक्सली भविष्य में विस्फोट कर पुलिस या सीआरपीएएफ को निशाना बना सकते थे।
अमन कुमार, एसपी, ग्रामीण:
सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। पुलिस रूटीन जांच कर रही थी। इस दौरान तार बरामद किया गया। पूरे मामले की जांच की जा रही है। नक्सलियों की किसी भी योजना से निपटने के लिए पुलिस तैयार है।