रांची। विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2239 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हुआ। कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत का कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया। सदन की दूसरी पाली में अनुपूरक बजट पर सत्ता पक्ष ने जहां सरकार के विकास कार्यों की सराहना की, वहीं विपक्ष ने कहा कि काम तो कुछ नहीं हो रहा है, सिर्फ जुमलेबाजी हो रही है।
अनुपूरक बजट पर सरकार का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार हर क्षेत्र में विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रांश की राशि को सामंजन्य करने के लिए अनुपूरक बजट में राज्यांश की राशि का प्रावधान किया गया है। स्थापना व्यय को भी अनुपूरक में लाया गया है। कहा कि राज्य में 35475 पदों पर स्थायी नियुक्ति की गयी है। इसके लिए राशि का प्रावधान किया गया है। कहा कि असाध्य रोगों के इलाज के लिए 35 करोड़ की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रही है। यही वजह है कि वर्ष 2013-14 में जहां झारखंड की कृषि विकास दर माइनस 4.5 प्रतिशत थी, वह आज बढ़कर 14.5 प्रतिशत हो गयी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी राज्य सरकार का शेयर है, इसके लिए भी अनुपूरक में प्रावधान किया गया है। चार वर्षों में 38 लाख घरों में बिजली पहुंचायी गयी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट भवन के निर्माण का इस्टीमेट कॉस्ट नहीं बढ़ाया गया है।
छठी जेपीएससी मुख्य परीक्षा को रद्द किया जाये : सुखदेव
अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव रखते हुए कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि वित्तीय वर्ष का तीन महीना बचा है, ऐसे में कैसे 48 प्रतिशत राशि खर्च होगी। उन्होंने शंका जतायी कि फिर हजारों करोड़ रुपये सरेंडर करने की व्यवस्था सरकार कर रही है। उन्होंने सरकार से छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग करते हुए कहा कि चौथी परीक्षा तक आयोग ने आरक्षण रोस्टर का पालन किया, लेकिन पांचवीं सिविल परीक्षा में आरक्षण का पालन नहीं किया गया। किनकी वजह से छात्रों के आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हुआ, वैसे दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छठी सिविल परीक्षा में भी आयोग सरकार की ओर से गठित बाबरी कमेटी की रिपोर्ट का पालन नहीं कर रही है।
वंचितों का विकास सरकार की प्राथमिकता : अमित
भाजपा विधायक अमित मंडल ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी का काम हर सरकार में हुआ है, लेकिन पहली बार केंद्र और राज्य की सरकार वंचितों के विकास के लिए काम कर रही है। कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित कर हुनरमंद बनाने का काम सरकार कर रही है। महिला सशक्तीकरण पर सरकार ध्यान दे रही है। इसी के तहत रघुवर सरकार ने सुकन्या योजना शुरू की है। अब बेटियां बोझ नहीं होंगी।
जेपीएससी का मतलब झारखंड पैरवी सर्विस कमीशन : कुणाल
झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जेपीएससी की कार्यशैली पर अंकुश लगना चाहिए। कहा कि जेपीएससी का मतलब झारखंड पैरवी सर्विस कमीशन हो गया है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य है कि सरकारी योजनाओं का राजनीतिकरण हो रहा है। कहा कि एक तरफ सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है और दूसरी तरफ सरकार शराब की दुकानें खोल रही है। पशुपालन में 40-45 करोड़ का घोटाला, कंबल घोटाला, यह हम नहीं कह रहे हैं, यह सीएजी की रिपोर्ट में है और तब भी सरकार कहती है कि राज्य में भ्रष्टाचार नहीं है।
झोला छाप डाक्टरों के भरोसे चल रही है आयुष्मान योजना : भानु
विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से करते हैं, वहीं दूसरी तरफ झोला छाप डाक्टरों के भरोसे यह योजना चल रही है। उन्होंने कहा कि असाध्य रोगियों को इलाज के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं। विद्यालयों को बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि एकीकृत बिहार के समय से पलामू प्रमंडल उपेक्षित रहा है। अलग राज्य बनने के बाद भी पलामू प्रमंडल की तस्वीर और तकदीर नहीं बदली है। कनहर और कोयल परियोजना आज तक जमीन पर नहीं उतरी है। पलामू प्रमंडल में दर्जनों नदियां हैं, लेकिन उनका पानी सोन नदी के माध्यम से समुद्र में मिल जाता है। चर्चा में भाजपा विधायक अनंत ओझा और झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने भी भाग लिया।