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    Home»Breaking News»रांची: महागठबंधन में बंधन की गांठ खोलने की आज होगी कवायद
    Breaking News

    रांची: महागठबंधन में बंधन की गांठ खोलने की आज होगी कवायद

    azad sipahiBy azad sipahiJanuary 16, 2019No Comments3 Mins Read
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    रांची। महागठबंधन के बंधन की गांठ खोलने को लेकर 17 जनवरी को हेमंत सोरेन ने बैठक बुलायी है। बैठक के ठीक एक दिन पहले ही महागठबंधन में खटराग उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस, झामुमो और वाम दल के नेताओं ने अपनी डपली-अपना राग अलापा है। दरअसल, सभी दल महागठबंधन के पक्ष में तो हैं, लेकिन नेता को लेकर झकझूमर चल रही है।

    तीन राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद जहां कांग्रेस का उत्साह बढ़ा है, वहीं झामुमो को अपनी जमीनी पैठ का गुमान है। झाविमो कांग्रेस और झामुमो की चाल पर नजरें जमाये हुए है। एक ओर जहां पलामू में हेमंत सोरेन ने कह दिया है कि झारखंड में गठबंधन पर सहमति नहीं बनी, तो सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस के सुर जेएमएम को लेकर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा है कि वर्तमान में कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन गठबंधन किसके साथ होगा, यह अभी तय नहीं है। वहीं रांची में भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन को लेकर कुर्बानी नहीं देंगे। कोडरमा से माले अपना प्रत्याशी देगा।

    सहमति नहीं बनी, तो झामुमो सभी सीटों पर लड़ेगा: हेमंत
    मेदिनीनगर। हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में गठबंधन पर सहमति नहीं बनी, तो झामुमो सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। 17 जनवरी को रांची में महागठबंधन को लेकर समान विचारधारा वाली पार्टियों की संयुक्त बैठक होगी। इसके बाद ही गठबंधन का पत्ता खुलेगा। वह यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। कहा कि गठबंधन का उद्देश्य भाजपा के खिलाफ होने वाले वोटों के बिखराव को रोकना है। भाजपा की सरकार ने जनता को ठगा है। इसलिए वर्ष 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा का सफाया तय है। कारण संवैधानिक संस्थाओं पर भाजपा हमला कर रही है। ऐसा निर्णय लिया है कि भूमि अधिग्रहण को लेकर जनता न एफआइआर कर सकती है और न कानूनी लड़ाई लड़ सकती है। कैबिनेट में पास श्रम कानून से श्रमिक शोषित होंगे।

    एकला चलो की राह अपना सकती है कांग्रेस
    यूपी में अकेले चुनाव लड़ने के निर्णय से झारखंड में भी इस बात की चर्चा शुरू हो गयी है। झारखंड में भी कांग्रेस एकला चलो की राह अपना सकती है। गुरुवार को महागठबंधन को लेकर स्वरूप तय होना है। मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि इसका निर्णय आलाकमान को लेना है। कांग्रेस गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी, लेकिन गठबंधन किसके साथ होगा, यह तय नहीं है। गुरुवार के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी कि महागठबंधन का स्वरूप कैसा होगा।

    नहीं देंगे कुर्बानी, कोडरमा में प्रत्याशी देगा माले: दीपांकर
    इधर, भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रांची में बुधवार को कहा कि पार्टी ने कोडरमा लोकसभा सीट पर माले का प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया है। महागठबंधन के लिए पार्टी कुर्बानी नहीं देगी। कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि हम महागठबंधन को एकजुट करें और भाजपा को देश से उखाड़ फेंके। उन्होंने कहा कि भाकपा माले आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पूरे देश में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करेगा। भाजपा की जुमलेबाजी को जनता जान गयी है। इसका नतीजा पांच राज्य में हुए चुनाव में देखने को मिल चुका है। एक सवाल पर कहा कि भाजपा के पास मात्र एक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का चारा बचा हुआ है। इससे जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।

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