नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत शांति का प्रबल समर्थक है, लेकिन भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कोई भी फैसला लेने से नहीं चूकेगा। पीएम मोदी ने नेशनल कैडेट कॉर्प्स के कैडेट्स को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। पीएम ने कहा कि पिछले चार साल में सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता पर बनाये रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हम शांति के प्रबल समर्थक हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई भी कठोर कदम उठाने से हम नहीं चूकेंगे। सुरक्षा एजेंसियों को साफ-साफ संदेश दिया गया है कि हम किसी को परेशान नहीं करेंगे, लेकिन किसी ने हमें परेशान करने की कोशिश की तो उसे हम छोड़ेंगे भी नहीं। परमाणु परीक्षण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में से एक है, जो जल, थल और नभ से न्यूक्लियर हथियार लांच कर सकता है।
भारत के पास जल, थल, नभ से हमला करने की क्षमता : पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है, जिसके पास जल, थल और नभ से परमाणु हमले और आत्मरक्षा करने की क्षमता है। इसके अलावा दशकों से लटके पड़े लड़ाकू विमानों और आधुनिक तोपों से जुड़े समझौतों को जमीन पर उतारा गया है। देश में भी मिसाइल से लेकर, टैंक, गोला-बारूद और हेलिकॉप्टर बनाये जा रहे हैं। आप युवा साथियों को आश्वस्त करता हूं कि आनेवाले समय में हर वह बड़ा और कड़ा फैसला लिया जायेगा, जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है। राष्ट्र सुरक्षित रहेगा, तभी युवा अपने सपने साकार कर पायेगा।
केरल बाढ़ के दौरान मदद के लिए कैडेट्स की तारीफ : इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष जब मैं आपके बीच आया था तो मैंने आपसे आग्रह किया था, देश और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों में सक्रिय योगदान के लिए आपसे अपील की थी। बीते वर्ष एनसीसी के कैडेट्स ने अनेक महत्वपूर्ण कदमों के साथ खुद को जोड़ा। विशेष तौर पर केरल में आयी बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्यों में एनसीसी के कैडेट्स का योगदान बहुत सराहनीय है। सहयोग और समर्पण का जो पाठ आपने यहां सीखा है, उसे आपने केरल में अमल में लाया।
खेतों की पंगडंडियों पर संतुलन साधते हुए हिमा दास पहुंची इस स्तर पर : प्रधानमंत्री ने कहा कि नॉर्थ इस्ट डायरेक्टर की कैडेट हिमा दास को तो आज दुनिया गौरवपूर्ण रूप से जानने लगी है। धान के खेतों पर दौड़ते-दौड़ते, खेतों की पगडंडियों पर संतुलन साधते हुए हिमा दास आज इस स्तर पर पहुंची हैं। अभाव को अवसर बनाते हुए हिमा ने पहले जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में, फिर एशियाई खेलों में देश को गौरवान्वित किया है। ऐसी युवा प्रतिभाओं को जब मैं देखता हूं, जब मिलता हूं, तो भरोसा तो मजबूत होता ही है, इस भरोसे को और सशक्त करने की ऊर्जा मिलती है।