आजाद सिपाही संवाददाता
रांची/जयपुर। झारखंड में गिरिडीह जिले के पारसनाथ पहाड़ी स्थिति जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटनस्थल बनाये जाने का विरोध तेज होता जा रहा है। जैन समाज इसे पर्यटन नहीं तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग कर रहा है। जयपुर में इसका विरोध कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण त्याग दिया। वहीं, रांची में जैन समाज ने मौन रैली निकाल कर पर्यटन स्थल घोषित किये जाने का विरोध जताया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इधर, सत्ता पक्ष और विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर आमने सामने है। भाजपा नेता अमर बाउरी ने कहा है कि हेमंत सरकार लोगों को गुमराह कर रही। भाजपा सरकार ने इसे तीर्थ स्थल घोषित किया था। वहीं झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा झूठ बोल कर अफवाह फैला रही है। उधर, सरकार एक्ट में परिवर्तन की तैयारी कर रही है।
जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज 10 दिन से थे अनशन पर
झारखंड में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाये जाने का विरोध कर रहे जैन मुनि सुज्ञेयसागर महाराज ने मंगलवार को प्राण त्याग दिये। वह झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले 10 दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। सुज्ञेयासागर 72 साल के थे। मंगलवार सुबह उनकी डोल यात्रा सांगानेर संघीजी मंदिर से निकाली गयी। इस दौरान आचार्य सुनील सागर सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। जैन मुनि को जयपुर के सांगानेर में समाधि दी गयी।
एक और जैन मुनि समर्थ सागर ने भी अन्न त्यागा:
अखिल भारतीय जैन बैंकर्स फोरम के अध्यक्ष भागचंद्र जैन ने बताया कि मुनिश्री ने सम्मेद शिखर को बचाने के लिए बलिदान दिया है। वह उससे जुड़े हुए थे। जैन मुनि सुनील सागर ने कहा कि सम्मेद शिखर हमारी शान है। मंगलवार को 6 बजे मुनि सुज्ञेयसागर महाराज का निधन हो गया। जब उन्हें मालूम पड़ा था कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, तो वह इसके विरोध में लगातार उपवास पर थे। राजस्थान की इस भूमि पर धर्म के लिए अपना समर्पण किया है। अब मुनि समर्थ सागर ने भी अन्न का त्याग कर तीर्थ को बचाने के लिए पहल की है। इस बीच जयपुर में जैन मुनि आचार्य शंशाक ने कहा कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने को लेकर जैन समाज अभी अहिंसक तरीके से आंदोलन कर रहा है, आगामी दिनों में आंदोलन को उग्र भी किया जायेगा।
जैन समाज ने रांची में निकाली मौन रैली, राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
रांची। रांची में भी जैन समाज ने मौन रैली निकाल कर पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध किया। मौन रैली अपर बाजार स्थित जैन मंदिर से जाकिर हुसैन पार्क स्थित राजभवन तक निकाली गयी। इसके बाद जैन समाज ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। दिगंबर जैन समाज के पूर्व मंत्री दिगंबर सेठी ने कहा कि आंदोलन कई महीनों से चल रहा है। जैन समाज की मांग है कि सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाये। अगर सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करेगी तो जैन समाज का आंदोलन तेज होगा। जितेंद्र जैन ने कहा कि सम्मेद शिखर जैन समाज का सदियों से आस्था का केंद्र रहा है। इस जगह पर तीर्थ शंकर और ऋषि-मुनियों ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया। सम्मेद शिखर का कण-कण पवित्र है। जहां की भूमि पूजनीय है, अगर उस स्थल को पर्यटन स्थल बनायेंगे तो यह कतिपय मंजूर नहीं होगा। पर्यटन स्थल और तीर्थ स्थल दोनों के भाव अलग होते हैं। चेतन जैन ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द इस मामले में संज्ञान ले। इसको जल्द धार्मिक तीर्थस्थल घोषित करे।
जो बेहतर होगा वही निर्णय लिया जायेगा: हफिजुल हसन
रांची। सम्मेद शिखर मामले को लेकर पर्यटन मंत्री हफिजुल हसन ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है। वह इसे देख रहे हैं। जो बेहतर होगा, वही निर्णय लिया जायेगा। उधर, झारखंड के पर्यटन सचिव मनोज कुमार ने कहा कि पर्यटन स्थल की सूची संबंधी नोटिफिकेशन से बाहर कर देना समाधान नहीं है। विभाग इसके एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव बना रहा है। इसमें पर्यटन स्थल को जैनों के धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जायेगा। ऐसा करके यहां की व्यवस्थाएं बेहतर की जा सकेंगी।
भाजपा सरकार ने तीर्थस्थल घोषित किया था : बाउरी
रांची। पूर्व पर्यटन मंत्री अमर बाउरी ने कहा है कि झारखंड की हेमंत सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। झारखंड सरकार का कहना है कि रघुवर दास की सरकार के दौरान पारसनाथ को पर्यटन स्थल घोषित किया गया है, जबकि सच्चाई इसके उलट है। रघुवर दास सरकार ने हमेशा ही सम्मेद शिखरजी की पवित्रता को अक्षुण्ण रखने के लिए कार्य किया है। हमारी सरकार ने इसे तीर्थ स्थल घोषित किया था।
भाजपा के प्रपंच में न फंसे जैन समाज: सुप्रियो
रांची। झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने जैन समाज को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार गिरिडीह स्थित सम्मेद शिखर की पवित्रता अक्षुण्ण बनाये रखने को संवेदनशील है। कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित किया है जो झूठ है। रघुवर दास सरकार में पर्यटन विभाग से एक गजट प्रकाशित करते हुए गिरिडीह के पारसनाथ को पर्यटन स्थल के तौर पर चिह्नित किया गया। सुप्रियो ने कहा कि यह सदियों से जैन धर्मावलंबियों का पवित्र तीर्थ स्थल है। जैन समाज से आग्रह है कि वे भाजपा के प्रपंच में न फंसें। भाजपा को झूठ फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए।