आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। नयी दिल्ली स्थित जवहार लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया गया। इसके बाद छात्रों ने प्रोटेस्ट करते हुए मार्च निकाला। बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को बैन किये जाने का समर्थन करने वाले कांग्रेस के नेता और एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मुझसे ट्वीट डिलीट करने को कहा था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। क्या चाटुकारिता ही योग्यता का मापदंड बन गया है। उन्होंने मंगलवार दोपहर 1 बजे ट्वीट कर कहा था कि भारतीय संस्थानों पर बीबीसी के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है।
उधर, जेएनयू में बीबीसी की इस प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को देख रहे छात्रों पर मंगलवार देर रात पथराव किया गया। पथराव किसने किया, यह पता नहीं चल पाया है। अंधेरे का फायदा उठा कर हमलावर भाग गये। इससे पहले यहां छात्र संघ कार्यालय की बिजली और इंटरनेट मंगलवार रात बंद कर दिया गया था, जिसे देर रात बहाल कर दिया गया है। 25 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवायी गयी है।

जेएनयू में कुछ स्टूडेंट्स डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर अड़े थे:
जेएनयू के कुछ स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने वाले थे। प्रशासन ने स्टूडेंट्स से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग न करने की अपील की थी, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। जेएनयू प्रशासन ने स्टूडेंट्स से कहा था कि इस तरह की एक्टिविटीज यूनिवर्सिटी में शांति और सद्भाव को भंग कर सकती है। छात्र नहीं माने और मंगलवार रात डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की योजना बनायी थी। जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष ने छात्रों के मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री डाउनलोड करने के लिए दफ कोड शेयर किया था। इसी पर डॉक्यूमेंट्री दिखायी जा रही थी।

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