-33 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्य में उपायुक्त सेल डील निरस्त नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में गुरुवार को हाइकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में सेल डीड को कैंसिल करने का अधिकार जिलों के उपायुक्त को दिये जाने को चुनौती देनेवाली विभिन्न याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाया। हाइकोर्ट ने सेल डीड रद्द करने से संबंधित राज्य के उपायुक्तों को मिले अधिकार को निरस्त कर दिया है। जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने सेल डीड निरस्त करने से संबंधित डीसी के आदेश के खिलाफ दायर 33 याचिकाओं को स्वीकृत किया था। कोर्ट ने जिले के उपायुक्तों को सेल डीड को निरस्त करने के अधिकार से संबंधित राज्य सरकार के पत्र को निरस्त कर दिया।
सिविल कोर्ट में पिटीशन दायर करना होगा:
हाइकोर्ट ने यह भी कहा कि उपायुक्तों द्वारा सेल डीड निरस्त करने से संबंधित की गयी एफआइआर भी निरस्त हो जायेगी। कोर्ट ने कहा कि यदि फर्जीवाड़ा कर जमीन की खरीद बिक्री की गयी है और उसके दस्तावेज को निबंधन कराया जाता है, तो उपायुक्त को उसे निरस्त करने का पॉवर संबंधी जारी सरकार का पत्र गलत है, यह कानून के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि यदि किसी को लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है और सेल डीड निरस्त होनी चाहिए, तो उसे सिविल कोर्ट में पिटीशन दाखिल करना होगा।
2016 में राज्य सरकार ने दिया था अधिकार:
राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में एक नोटिफिकेशन निकाला था, जिसके तहत फर्जीवाड़ा कर जमीन का गलत ढंग से ट्रांसफर की शिकायत मिलने पर जिलों के उपायुक्त को सेल डीड कैंसिल करने का अधिकार दिया गया था। साथ ही उपायुक्त को एफआइआर करने का भी अधिकार मिला था। राज्य के अन्य जिलों के डीसी द्वारा कई लोगों के सेल डीड कैंसिल किये जाने से संबंधित 33 याचिकाओं की सुनवाई पूरी होने के बाद मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
सांसद निशिकांत ने भी दायर की थी याचिका:
इसी मामले में आॅनलाइन एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक अनामिका गौतम (सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी) की ओर से भी देवघर स्थित जमीन की सेल डीड कैंसिल किये जाने को चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि कानून के अनुसार एक बार सेल डीड हो जाने पर उसको कैंसिल करने का पावर राज्य में सिविल कोर्ट के पास है। याचिका में सांसद की पत्नी अनामिका गौतम का आरोप था कि देवघर डीसी ने श्यामगंज मौजा, देवघर की उनकी जमीन का सेल डीड कैंसिल कर दिया है। गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की रजिस्ट्री तत्कालीन डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने रद्द कर दी थी। डीसी द्वारा रजिस्ट्री रद्द करने के बाद सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी ने झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2016 में विभाग ने एक पत्र जारी कर डीसी को यह अधिकार दिया था कि वे कपटपूर्ण निबंधित दस्तावेजों को जांच के बाद रद्द कर सकते हैं।