रांची: साहिबगंज जिला स्थित नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन मामले में बिना राज्य सरकार की सहमति और बगैर हाईकोर्ट के आदेश के सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई। मामले में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश कुमार की कोर्ट ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर सीबीआई द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाते हुए सीबीआई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 9 फरवरी को होगी।
दरअसल, विजय हासदा ने पूर्व में पंकज मिश्रा एवं अन्य के द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन किए जाने को लेकर जो शिकायत की थी, उसकी सीबीआई जांच करने का आग्रह हाईकोर्ट से किया था, बाद में विजय हांसदा ने अपने उस याचिका को वापस लेने का अनुरोध कोर्ट से किया था। लेकिन हाईकोर्ट ने उसके इस आग्रह को नहीं मानते हुए विजय हांसदा ने किसके दबाव में याचिका वापस लेने का आग्रह किया और नींबू पहाड़ अवैध खनन की वस्तुस्थिति क्या है, इसकी प्रारंभिक जांच करने का आदेश सीबीआई को दिया था।
सीबीआई ने इसकी प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर हाई कोर्ट से साहिबगंज में नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में एक संशोधित आदेश पारित करने का आग्रह किया। लेकिन हाई कोर्ट ने सीबीआई द्वारा नींबू पहाड़ में अवैध खनन को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के आग्रह को निरस्त कर दिया। इसके बाद भी सीबीआई ने बिना हाईकोर्ट की अनुमति एवं राज्य सरकार की सहमति के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर कांड संख्या आरसी 024 2023 एस 0011 दिनांक 20 नवंबर 2023 दर्ज किया था।
राज्य सरकार ने सीबीआई द्वारा नींबू पहाड़ में अवैध खनन मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को कानून सम्मत नहीं बताते हुए इसे चुनौती देते हुए कहा था कि बिना सरकार की सहमति और बगैर हाई कोर्ट के अनुमति के ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज किया है , जो गलत है। जबकि विजय हांसदा मामले में हाईकोर्ट ने सिर्फ यही आदेश दिया था कि विजय हासदा किस कारण से नींबू पहाड़ में अवैध खनन मामले की जांच सीबीआई जांच के आग्रह को वापस लेना चाहते हैं इसकी प्रारंभिक जांच की जाए। मामले में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन, मनोज कुमार एवं अशोक कुमार यादव ने पैरवी की।
विजय हांसदा ने साहिबगंज ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन की सीबीआई जांच का किया था आग्रह
विजय हांसदा ने पूर्व में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कहा था कि उन्होंने साहिबगंज के जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र में नींबू पहाड़ पर हुए अवैध खनन सहित अवैध माइनिंग को रोकने के लिए कई कदम उठाया है। जिसे लेकर साजिश के तहत उनके खिलाफ साहिबगंज के थाने में एसटी/एससी केस दर्ज किया गया है, इसकी सीबीआई से जांच कराई जाए। हालांकि बाद में विजय हांसदा द्वारा सीबीआई की जांच के इस याचिका को वापस लेने कि आग्रह किया गया था।
क्या है मामला
विजय हांसदा ने याचिका दायर कर कहा था कि उसने पंकज मिश्रा एवं अन्य के द्वारा नींबू पहाड़ पर अवैध खनन पर जो शिकायत की थी उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अवैध खनन में पंकज मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बजाय पुलिस ने उसके खिलाफ ही प्राथमिक की दर्ज कर उसे ही जेल में बंद कर दिया। उसके द्वारा साहिबगंज जिले के एससी /एसटी थाना में कांड संख्या 6 /2022 दर्ज की गई है, इसकी प्रॉपर जांच सीबीआई से कराई जाए। यहां यह भी बता दें कि हालांकि बाद में विजय हांसदा द्वारा पुलिस में की गई शिकायत के आधार पर नींबू पहाड़ में अवैध खनन को लेकर पुलिस ने पंकज मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने पंकज मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ ईडी ने एक नई ईसीआईआर दर्ज की है। विजय हांसदा ने बरहरवा कांड के आधार पर ईडी द्वारा दर्ज की गई ईसीआईआर में अपना बयान दर्ज करवाया था।