रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी में किसानों को इंसाफ देने की मांग की। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के सुखाड़ के बाद राज्य में इस वर्ष धान की अच्छी फसल हुई है। किसानों को अपने मेहनत का अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद राज्य सरकार से थी। हेमंत सरकार में शामिल दलों ने चुनाव से पूर्व ₹3200/क्विंटल धान खरीद करने का आश्वासन दिया था लेकिन राज्य सरकार अपने वादे से उलट गई। राज्य में 2300रुपए प्रति क्विंटल धान खरीद और 100रुपए बोनस के साथ 2400रुपए प्रति क्विंटल से खरीद हो रही है। राज्य सरकार ने 60लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है लेकिन स्थिति ऐसी है कि अभी तक पूरी तरह जिलों में धान क्रय केंद्र ही नहीं खोले गए हैं। अफसरशाही इतनी हावी है कि वित्त मंत्री अपने क्षेत्र से धान क्रय केंद्र का बिना उद्घाटन किए ही बैरंग वापस लौटने को मजबूर हैं। राज्य में जहां केंद्र खुले भी हैं, उसमें कई स्थानों पर ताले लटके मिल रहे।

बाबूलाल ने कहा कि राज्य सरकार लक्ष्य का 15% धान भी अबतक नहीं खरीद सकी है।
राज्य सरकार इसमें भी धान को गीला बताकर प्रति क्विंटल 10…15किलो की कटौती कर रही है। राज्य सरकार ने धान खरीदी की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। सरकार की उदासीनता के कारण किसान दलाल और बिचौलियों के चंगुल में आने को मजबूर हैं। किसान अपनी मेहनत से उपजाई फसल को 1800।।1900रुपए प्रति क्विंटल बेचने को विवश हैं।

इधर बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ के दलाल, बिचौलिए धान खरीद के लिए बाइक से गांव, गांव घूम रहे। वे सीधे ट्रक लेकर गांव तक पहुंच जा रहे हैं और किसानों से कम कीमत पर धान खरीद रहे हैं। राज्य सरकार का दायित्व है किसानों को आत्मनिर्भर बनाए, मजबूती प्रदान करे ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। झारखंड के किसान खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है।यहां केवल एक फसल धान ही है जिसे एमएसपी पर बेचकर किसान कुछ रुपए कमाते हैं। बाकी दलहन आदि का उत्पादन यहां बड़े पैमाने पर नहीं होता है। ऐसे में किसानों को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है लेकिन राज्य सरकार लगातार किसानों को निराश करने में लगी है। किसानों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा रहा।

भाजपा शासित राज्यों में बेहतर
बाबूलाल ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में अपने घोषित दर पर राज्य सरकार धान की खरीद कर रही जबकि हेमंत सरकार फिर से धोखा देने में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के सर्वांगीण विकास केलिए समर्पित है। आज प्रतिवर्ष किसानों के खाते में 6000रुपए तीन किस्तों में भेजा जा रहा जो किसानों के लिए काफी सहायक हो रहा। लगातार फसलों पर केंद्र सरकार एमएसपी बढ़ा रही।अभी हाल में ही यूरिया के दामों में सब्सिडी बढ़ाई गई है। राज्य सरकार अपने वादे पर अमल करते हुए 3200रुपए प्रति क्विंटल धान की खरीद करे, कटौती बंद करे और किसानों को इंसाफ दे।

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