रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को उत्तराखंड से युवा संगम कार्यक्रम के तहत झारखंड की यात्रा पर आए युवाओं के साथ राज भवन में संवाद किया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि भारत पूरे विश्व में ‘विविधता में एकता’ का अद्वितीय और उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। उत्तराखंड के युवाओं का यह दल पांच दिवसीय यात्रा पर यहां आया है।

राज्यपाल ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान के माध्यम से एकता और सद्भाव को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी संस्कृति, आर्थिक समृद्धि और नवाचारों को सशक्त रूप से प्रस्तुत किया है।

राज्यपाल ने झारखंड और उत्तराखंड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों राज्यों का गठन वर्ष 2000 में हुआ था। साथ ही लोकसभा सदस्य के रूप में इनके गठन के पक्ष में उन्होंने अपना मत दिया था। उत्तराखंड, जिसे देवभूमि कहा जाता है, अपने पवित्र तीर्थस्थलों और हिमालय की छटा के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, झारखंड अपनी खनिज संपदा, सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पर्यटन के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं हैं। विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा वैद्यनाथ समेत कई मंदिर आस्था के प्रमुख केंद्र हैं।

राज्यपाल ने आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के जरिये इस कार्यक्रम की मेजबानी और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि आईआईटी (आईएसएम), धनबाद के विद्यार्थियों ने हाल ही में उत्तराखंड की यात्रा कर वहां की संस्कृति और शिक्षा का अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इस कार्यक्रम का नोडल संस्थान आईआईटी रुड़की है। साथ ही कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्थान का व्यक्तिगत रूप से उनका जुड़ाव भी है।

राज्यपाल ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उनकी ऊर्जा और नवाचार देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।

इस अवसर पर उत्तराखंड से आए हुए युवाओं ने राज्य के संदर्भ में अपना विचार रखा।

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