रांची। झारखंड सरकार राज्य में सरकारी जमीन के संरक्षण के लए सर्वेक्षण कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए हेमंत सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है, जिसे 3 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में खाली और उपयोग में नहीं आ रही सरकारी जमीन की जियोफेंसिंग होगी। दूसरे चरण में सीमांकन किया जाएगा, जिससे जमीन की सही पहचान हो सके। तीसरे चरण में अतिक्रमण वाली जमीन की समस्या का समाधान किया जाएगा।
क्या है जियोफेंसिंग?
जियोफेंसिंग एक तकनीक है, जिससे किसी विशिष्ट क्षेत्र की वर्चुअल सीमाएं तय की जाती हैं। इसके जरिए जीपीएस, वाई-फाई और अन्य तकनीकों की मदद से सरकारी जमीन की निगरानी और सुरक्षा की जाएगी। जब कोई व्यक्ति या वाहन इस क्षेत्र में प्रवेश करेगा या बाहर निकलेगा, तो इसकी स्वचालित मॉनिटरिंग होगी।
सर्वेक्षण होगा समयबद्ध और प्रभावी
सरकार इस सर्वेक्षण को तेजी से और निर्धारित समय के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जल्द ही प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर कैबिनेट की मंदूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकारी जमीन की पहचान और अतिक्रमण रोकने के लिए संयुक्त टीम बनाई जाएगी। इसमें संबंधित विभागों के अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ औऱ विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे, ताकि सर्वेक्षण सटीक और प्रभावी हो सके।