Ratu : टेंडर गांव स्थित झारखंड जगुआर का 11 वां स्थापना दिवस मंगलवार को मनाया गया। बतौर मुख्य अतिथि डीजीपी डीके पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर व परिसर में बने शहीद स्मारक में वीरगति प्राप्त जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में शहीद अमर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर किया गया। श्री पांडेय ने कहा कि झारखंड जगुआर का 11वां स्थापना दिवस एक विशेष परिदृष्टि लेकर आया है। राष्ट्रीय सुरक्षा को दुश्मनों के द्वारा चुनौती दी जा रही है। अब लड़ाई का आयाम भी बदलता नजर आ रहा है। इस बदलते हुए परिवेश में भारत माता, देश व राज्य की सुरक्षा के लिए जवानों ने सीमा पर अपनी शहादत दी है। अब उन शहीद जवानों की असली श्रद्धांजलि देने की चुनौती हमारे सामने है और जवानों की परेड देखकर लगता है कि जगुआर ने लड़ाई लड़ने सारी तैयारी कर ली है। उन्होंने जवानों के अंदर जोश भरते हुए कहा कि रक्त का तिलक लगाकर मैदान में उतरने की जरूरत है। एक गोली एक दुश्मन यह संकल्प लेना है। हमें झारखंड की धरती से उग्रवादियों के संपूर्ण सफाया करने का संकल्प लेना है। कार्यक्रम में श्री पांडेय ने जगुआर के शहीद परिजनों को शॉल देकर सम्मानित किया। एसटीएफ के जवानों ने उग्रवादी आॅपरेशन की जीवंत प्रस्तुति कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी तथा तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठा।
डीजीआइजी नक्सल उन्मूलन आशीष बत्रा ने स्वागत भाषण में जगुआर के 11 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि झारखंड जगुआर का 11 वर्षों का इतिहास उपलब्धियों भरा है। जिस उद्देश्य से इसका गठन किया गया उसमें सफलता मिली है। वीर शहीदों के सम्मान में तीन बैरक और तीन मैदान शहीदों के नाम पर नामकरण किया गया है।
यह हैं उपलब्धियां
2008 से अब तक 36 बड़े नक्सली तथा 2018 में सात बड़े नक्सली जोनल कमांडरों को मार गिराया गया है। एक बड़े नक्सली लीडर सुधाकरन ने आत्मसमर्पण किया है। झारखंड जगुआर में कार्यरत 40 एसोसिएट व 12 बीडीबीएस की टीम जिला बल, जैप कोबरा, सीआरपीएफ से कदम से कदम मिलाकर उग्रवादी उन्मूलन अभियान में सक्रिय है। अति उग्रवादी प्रभावित क्षेत्र में झारखंड प्रदेश के केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल के सहयोग से उग्रवादियों की गतिविधियों में लगाम लगी है। जगुआर का मनोबल बढ़ाने हेतु हेमो वैज्ञानिक लड़ाई शाखा का गठन किया गया है। कर्नल जेके सिंह इसके इंजार्ज हैं। शाखा के द्वारा उग्रवादियों के विरुद्ध कारगर व प्रभावी पोस्टर बना विभिन्न सुरक्षा बलों के माध्यम से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में बांटा गया है। इस वर्ष 216 नये आरक्षी जगुआर में शामिल किये गये हैं। जिन्हें उत्कृष्ट प्रशिक्षण, हथियारों का प्रशिक्षण, मैपरिडिंग, जीपीएस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे जवान मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त महसूस कर सकें।
ये थे उपस्थित
एडीजी पी आर के नायडू, महानिदेशक नीरज सिन्हा, एडीजी रेजी डुंगडुंग, आइजी सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर कमांडो व चीफ संजय लाटकर, झारखंड जगुआर के कमांडर व चीफ आशीष बत्रा, साकेत कुमार सिंह, हरिलाल चौहान, कर्नल जेके सिंह, झारखंड पुलिस सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर के परिवार के सदस्य, अधिकारी, कर्मी, शहीद के परिवार व एसटीएफ के जवान आदि उपस्थित थे।