-गंभीर हालत में परिवार अस्पताल में भर्ती
धनबाद। 7 महीने के बच्चे के इलाज के लिए दर- दर भटकने वाला परिवार जब हार गया। बच्चे की मौत के बाद अपना जीवन भी खत्म करने की कोशिश की। बीमार बच्चे की मां, मौसी और नाना- नानी ने एक साथ जगह खा लिया। सभी की हालात गंभीर है और अभी धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। बच्चे की मां ने कहा, बेहतर इलाज के अभाव में मेरे बच्चे की मौत हो गयी। अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती मां ने कहा, हम गरीब है, कोई डॉक्टर हमारी तरफ ध्यान नहीं देता। हम पैसे नहीं दे सकते इसलिए हमारा बेहतर इलाज नहीं होता। मेरे बच्चे की मौत के बाद हमारी हिम्मत टूट गयी थी।
घटना बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के दामकड़ा बरवा की है। सात महीने की नवजात बच्चे को निमोनिया हो गया था। परिवार लंबे समय से इसके इलाज के लिए परेशान था। कई जगहों पर बच्चे के इलाज के लिए भटकता रहा। कोलकाता के अस्पताल में इलाज के लिए परिवार पहुंचा था, लेकिन डॉक्टरों ने जवाब दे दिया।
गीता अपने 7 महीने के बच्चे के साथ मायके में ही रहती थी। बच्चे की तबीयत खराब थी। इसका इलाज करवाया जा रहा था। सोमवार की रात बच्चे की मौत हो गयी। बच्चे के निधन के बाद पूरा परिवार टूट गया। घर लौटकर बच्चे के नाना टीपन महतो (45 वर्षीय), नानी दुखनी देवी (40 वर्षीय) बच्चे की मां गीता देवी (26 वर्षीय) और मौसी संगीता कुमारी (18 वर्षीय) ने मंगलवार सुबह को जहर खा लिया। पुलिस को जैसे ही मामले की सूचना मिली, इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

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