कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने को लेकर विवाद नहीं थम रहा। कांग्रेस के बाद अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी केंद्र के इस कदम पर सवाल खड़ा किया है।
सोमवार को उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश को सेवानिवृत्ति के दो महीने से भी कम समय के भीतर राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया। बहुमत की केंद्र सरकार जन भावनाओं की परवाह नहीं कर रही है।
इसके पहले कांग्रेस ने भी इसी तरह का ट्वीट कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश को राज्यपाल नियुक्त करने पर सवाल खड़ा किया था।
दरअसल न्यायमूर्ति नजीर उस संवैधानिक पीठ का हिस्सा थे, जिन्होंने राम मंदिर पर फैसला सुनाया था। इसके अलावा 2016 की नोटबंदी और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम कुछ भी करने की छूट नहीं देने संबंधी फैसला सुनाने वाली पीठ का भी हिस्सा न्यायमूर्ति नजीर रह चुके हैं। इसलिए सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें राज्यपाल बनाए जाने पर विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं।