झारखंडी वीरों के साथ किया गया छल : हरि उरांव
रांची। रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय में शनिवार को क्रांतिकारी वीर बुद्धू भगत की जयंती मनायी गयी। अध्यक्षता करते हुए टीआरएल संकाय के समन्वयक डॉ हरि उरांव ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई में झारखंड के इतिहास के साथ बेमानी हुई है। हमें आज भी न्याय नहीं मिल पाया है। हमेशा से वीरों के साथ छल हुआ है। आरएलएसवाइ कालेज के डॉ खालिक अहमद ने कहा कि वीर बुद्धू भगत छोटानागपुर के पहले क्रांतिकारी थे, जिन्हें पकड़ने के लिए अंग्रेज सरकार ने 1000 रुपये का इनाम रखा था।
डॉ बीरेंद्र कुमार महतो ने कहा कि हम धन्य हैं कि हम ऐसे राज्य के निवासी हैं, जो शहीदों की भूमि रही है। डॉ रीझू नायक ने कहा बीर बुद्धू भगत पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 1832 में आंदोलन किया था। डॉ किशोर सुरीन ने शहीद क्रांतिकारी वीर बुद्धू भगत की जीवन से जुड़ी हुई कई घटनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ करम सिंह मुंडा ने कहा कि आज हम स्वछंदतावाद पूर्वक घूम फिर रहे हैं, तो ये हमारे शहीदों की कुर्बानियों का ही नतीजा है। टोटो के सहायक शिक्षक शिव नंदन उरांव, डॉ सविता केसरी, डॉ गीता कुमारी सिंह, तारकेश्वर सिंह मुंडा, शकुंतला बेसरा, चाणक्य कुमार, सुखराम उरांव, प्रभा हेंबोम, राजकुमार, डॉ बंदे खलखो, सरिता कुमारी समेत अन्य मौजूद थे।
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