रांची। सैनिक स्कूल तिलैया में नामांकन टेस्ट 2018 की सीबीआइ जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि किस तरह अधिकारी, पंचायत सचिव, मुखिया इत्यादि डोमेसाइल या जन्म प्रमाण पत्र तैयार कराते हैं। अधिकांश मामले ऐसे मिले, जिनमें अधिकारियों के द्वारा ही डोमेसाइल निर्गत किया गया। इनमें कई फेक थे। वहीं, दो उदाहरणों में जन्म प्रमाण पत्र पंचायत सचिवों के द्वारा निर्गत किया गया है, वह भी बिना किसी फील्ड वेरिफिकेशन के, यानि जिस निवास और जन्म स्थान का पता दिया गया था, उसकी जांच नहीं हुई और मिलीभगत कर प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं। वहीं, पांच मामले ऐसे मिले, जिसमें मुखिया के द्वारा जाली वंशावली को सर्टिफाइड किया गया। इस वजह से प्रमाण पत्र आसानी से निर्गत हो गये। पूरे मामले पर सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आवासीय या जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने में झारखंड सरकार की जो गाइडलाइन है, उसका सीधा-सीधा उल्लंघन किया गया। सर्कल आॅफिस को भी धोखे में रख कर काम कराया गया। हल्का कर्मचारियों की सारे मामले में भूमिका तय करने को कहा है, ताकि भविष्य में कागजातों का सत्यापन सही से हो सके।