ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मारने के इरादे से ट्रेन पर किए गए हमले के सभी दोषियों को आज हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। यह हमला 1994 में हुआ था। तब शेख हसीना कद्दावर विपक्षी नेता थीं।

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, पबना के ईश्वरडी में तत्कालीन विपक्षी नेता शेख हसीना को ले जा रही ट्रेन पर हमले के मामले में मौत की सजा पाए नौ लोगों सहित सभी दोषी व्यक्तियों को बरी कर दिया गया है। जस्टिस मोहम्मद महबूब उल इस्लाम और जस्टिस मोहम्मद हमीदुर रहमान की पीठ ने यह फैसला सुनाया। बैरिस्टर कैसर कमाल ने अधिवक्ता महबुबुर रहमान खान और अधिवक्ता मकसूद उल्लाह की सहायता से अदालत में प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व किया।

बताया गया है कि 23 सितंबर, 1994 को शेख हसीना रूपशा एक्सप्रेस से खुलना से सैदपुर जा रही थीं। उन्हें रास्ते में सार्वजनिक सभा को संबोधित करना था। आरोप लगाया गया कि बीएनपी नेता जकारिया पिंटू ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर उनकी हत्या करने के इरादे से ईश्वरडी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन पर आग्नेयास्त्रों और विस्फोटकों के साथ हमला किया।

हमले के बाद ईश्वरडी जीआरपी के तत्कालीन प्रभारी नजरुल इस्लाम ने उसी दिन मामला दर्ज किया। इसकी जांच सीआईडी की। सीआईडी ने तीन अप्रैल, 1997 को 52 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया। इस दौरान पांच आरोपितों की मृत्यु हो गई। इसलिए उन्हें मुकदमे की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया। तीन जुलाई, 2019 को एक अदालत ने जकारिया पिंटू और आठ अन्य को मौत की सजा सुनाई, जबकि 25 व्यक्तियों को आजीवन कारावास और 13 अन्य को 10 साल जेल की सजा सुनाई। इसके बाद मृत्युदंड के मामले को समीक्षा के लिए हाई कोर्ट भेजा गया, जबकि दोषियों ने बरी होने की मांग करते हुए अपील भी दायर की थी।

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