रांची। राज्यपाल-सह-कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियां शिक्षा का अभिन्न अंग हैं। ये विद्यार्थियों में अनुशासन, आपसी सहयोग, नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास विकसित करने का कार्य करती हैं।

राज्यपाल गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय के प्रथम खेलकूद एवं सांस्कृतिक महोत्सव के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम हैं। मैं इस पहल के लिए संपूर्ण रांची विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि झारखंड अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक विविधता और खेल प्रतिभाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य न केवल अपनी समृद्ध जनजातीय परंपराओं और लोक कलाओं के लिए जाना जाता है, बल्कि खेलों में भी इसकी विशेष पहचान है। यहां की धरती ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश का मान बढ़ाया है। तीरंदाजी, हॉकी, फुटबॉल, वुशु और एथलेटिक्स जैसे खेलों में झारखंड के युवा अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं। इसी प्रकार, संगीत, नृत्य, नाटक और लोककला में भी यहाँ की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी छाप छोड़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश की युवा शक्ति केवल ज्ञान अर्जन तक सीमित न रहकर खेल, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना रहे है। एक स्वस्थ एवं सशक्त समाज के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यह आवश्यक है कि वे अपने कौशल का उपयोग राष्ट्र की उन्नति के लिए करें।

उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय झारखंड की गौरवशाली शैक्षणिक संस्थाओं में से एक है और यह विश्वविद्यालय निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को भी ऊंचाइयों तक ले जाने में संघर्षरत रहा है। यहां के विद्यार्थी न केवल शिक्षा में बल्कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत समारोह खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की उत्कृष्टता का प्रतीक है। रांची विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है और श्रेष्ठ एवं प्रतिभावान छात्रों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करता है। हर्ष का विषय है कि पुरुष एवं महिला दोनों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय ने कई श्रेष्ठ एवं प्रतिभावान रत्न देश को दिए हैं। योग के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय का दूसरा स्थान है। महिला हॉकी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली विश्व स्तर की खिलाड़ी हैं, जिनमें सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और संगीता कुमारी शामिल हैं। सलीमा टेटे भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान हैं और उन्हें वर्ष 2024 के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। निक्की प्रधान झारखंड की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी थीं जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। यह झारखंड की बेटियां देश का गौरव हैं और अन्य युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। रांची विश्वविद्यालय की महिला हॉकी टीम भी ईस्ट जोन अंतर विश्वविद्यालय टूर्नामेंट की उपविजेता रही है।

उन्होंने कहा कि खेलों के समानांतर सांस्कृतिक गतिविधियां भी हमें इतिहास और संस्कृति से जोड़ती हैं। रांची विश्वविद्यालय इस दिशा में भी कटिबद्ध है। विश्वविद्यालय का ‘जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग’ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान रखता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत खेल और संस्कृति के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहल युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर रही है। यह योजना न केवल प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रही है, बल्कि जमीनी स्तर से खेल संस्कृति को सशक्त कर रही है। इसी तरह, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ जैसे कार्यक्रम देश की सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं।

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