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    Home»Breaking News»मसूद अजहर की संपत्ति जब्त करेगी फ्रांस सरकार
    Breaking News

    मसूद अजहर की संपत्ति जब्त करेगी फ्रांस सरकार

    azad sipahiBy azad sipahiMarch 15, 2019Updated:March 15, 2019No Comments3 Mins Read
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    नयी दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में जैश सरगना मसूद अजहर पर बैन लगाने के प्रस्ताव पर चीन द्वारा वीटो करने के बाद फ्रांस ने इस आतंकवादी संगठन पर अब खुद से ऐक्शन लेने का फैसला कर लिया है। फ्रांस ने अब जैश सरगना मसूद की संपत्ति को जब्त करने का फैसला किया है। जैश के खिलाफ फ्रांस की अबतक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। मसूद के पक्ष में चीन का वीटो का अमेरिका समेत कई देशों ने आलोचना की थी। आतंकवादी मसूद पर कार्रवाई को लेकर जबर्दस्त वैश्विक दबाव है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।

    मसूद पर वैश्विक बैन के प्रस्ताव पर चीन ने लगाया था अड़ंगा
    गौरतलब है कि पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की राह में चीन ने चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था। मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर फैसले से कुछ मिनट पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। आपको बता दें कि 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था। बीते 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने का यह चौथा प्रस्ताव था।

    फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पेश किया था यूएन में प्रस्ताव
    पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद फ्रांस के नेतृत्व में ब्रिटेन और अमेरिका ने मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। उल्लेखनीय है कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहा है कि जैश पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है, लेकिन उससे संस्थापक को बैन नहीं किया जा रहा। अजहर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में कौसर कालोनी में रहता है। जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर जैश के हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपनी कोशिशें तेज कर दी थीं। इसमें भारत को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का भी समर्थन मिला था, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया था।

    यूएन डिप्लोमैट्स ने दी चीन को चेतावनी
    संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के डिप्लोमैट्स ने चीन को चेतावनी दी है। डिप्लोमैट्स ने कहा कि अगर चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के रास्ते में रुकावट बनेगा तो वह इस पर कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। सुरक्षा परिषद के एक डिप्लोमैट ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘अगर चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश, सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।’ डिप्लोमैट ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर यह बात कही।

    अमेरिका ने भी चीन के इस कदम की आलोचना की
    उन्होंने पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकवादी समूहों और उसके सरगनाओं को बचाने के लिए चीन पर निर्भर रहने को लेकर पाकिस्तान की भी आलोचना की। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रोबर्ट पलाडिनो ने भी कहा था कि अजहर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए पर्याप्त कारण हैं। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने कहा, ‘चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र को उस जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया, जिसने फरवरी में भारत में पुलवामा हमला किया था। मैं चीन से अपील करता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे।’

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